अंबिकापुर शहर में हाथ में चप्पल लेकर बदहाल सड़क पार कर रही बच्चियां
घुमंतू हॉस्टल तक जाने वाले मार्ग में हैं बड़े गड्ढे, जिसमें भर जाता है बारिश का पानी
अंबिकापुर। गंगापुर स्थित घुमंतू हॉस्टल (कन्या छात्रावास) तक जाने वाली सड़क में बड़े-बड़े गड्ढों को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। यहां कई वर्षों से 100 सीटर छात्रावास का संचालन हो रहा है, जहां 4 वर्ष से 10 वर्ष तक की बच्चियां रहती हैं। बच्चियां अपने माता-पिता से दूर इस हॉस्टल में रहते हुए पढ़ाई कर अपना भविष्य गढ़ने की उम्मीद में टिकी हैं। शर्मनाक बात यह है कि गांव की आबोहवा से दूर इन बच्चियों को अल्प उम्र में यह एहसास ही नहीं हो पा रहा है कि वे शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल जाते समय इन्हें कीचड़ एवं पानी से भरे गड्ढों से होकर इन्हें स्कूल जाना पड़ता है। हाथ में बस्ता की जगह चप्पल लेकर इन्हें चलना पड़ता है क्योंकि कीचड़ में चप्पल के धंसने व फिसलन का खतरा रहता है। कीचड़ से इनके कपड़े लथपथ हो जाते हैं। कई बच्चियां स्कूल जाते वक्त इन कीचड़ों में फिसल कर गिर भी जाती हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अंकुर सिन्हा ने बताया कि छात्रावास के मार्ग की दुर्दशा से पूर्व में भी निगम के अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला, समस्या जस की तस है। उन्होंने कहा कि कम उम्र के बच्चे जनप्रतिनिधियों के वोटर नहीं हैं, नहीं तो इनके बीच राजनीति चमकाने जरूर कोई ना कोई पहुंच जाता। यदि इस सड़क का निर्माण कार्य जल्द ही नहीं कराया गया तो नगर निगम का घेराव करेंगे। इस दौरान अभिमन्यु साहू, आयुष सिन्हा, संस्कार सहित अन्य उपस्थित रहे।
उपमुख्यमंत्री के शहर में नेताओं की भरमार, चिंता किसी को नहीं
विडंबना ही कहा जाए कि शहर में उप मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्रियों के साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की भरमार है, इसके बाद भी किसी को देश के भविष्य को हो रही असुविधा से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसा नहीं है कि जहां इस छात्रावास का संचालन हो रहा है वहां जिम्मेदार जनप्रतिनिधि नहीं होंगे, लेकिन बरसात के मौसम में इन्हें होने वाली दिक्कत की सुध लेने कोई नहीं पहुंचता। ऐसे में समझा जा सकता है कि निकाय के विकास को आकार देने वाले जनप्रतिनिधियों की नजर कितनी पैनी है।