आज संसद में हो सकती है राहुल गांधी की वापसी, क्या है सांसदी लौटाए जाने की प्रक्रिया, पढ़ें
नई दिल्ली। मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए सोमवार का दिन बेहद खास माना जा रहा है। कांग्रेस सहित सभी की निगाहें लोकसभा सचिवालय पर बनी हुई हैं। दरअसल, आज इस बात पर फैसला लिया जा सकता है कि राहुल की सदस्यता कब बहाल की जाएगी।
लोकसभा अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी को पढ़ने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर कोर्ट के फैसले को पढ़ने के बाद 30 मिनट के अंदर ही कार्रवाई शुरू कर दी जाती है और इस तरह की अधिसूचनाओं से जुड़े प्रपत्र लोकसभा सचिवालय के पास होते हैं।
यह है मामला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। कोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में कांग्रेस नेता की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी थी। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। ऐसे में बड़ी बात यह भी यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल लोकसभा सदस्यता बहाल हो सकती है।
कांग्रेस की बैठक
इस बीच, कांग्रेस ने आज पार्टी सांसदों की एक बैठक बुलाई है, जिसमें राहुल गांधी की सदस्यता बहाली की मांग को लेकर चर्चा हो सकती है। पार्टी के संसदीय कार्यालय में सुबह 10.30 बजे बैठक होनी है।
लोकसभा सचिवालय को सौंपी आदेश की कॉपी
कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की एक कॉपी, जिसमें सूरत की एक अदालत द्वारा गांधी की सजा पर रोक लगा दी गई थी, औपचारिक रूप से लोकसभा सचिवालय को सौंप दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता की अपील पर जुलाई में गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया था।
वापसी में हो सकती है देरी!
लोकसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस की निगाहें लोकसभा सचिवालय पर अटकी हुई हैं। अगर सचिवालय कानून मंत्रालय की राय लेने का फैसला करता है, तो बहाली एक लंबी प्रक्रिया में बदल सकती है, जैसा कि इस साल की शुरुआत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद मोहम्मद फैजल के मामले में हुआ था। उन्हें जनवरी में केरल उच्च न्यायालय से राहत मिल गई थी, लेकिन लोकसभा में लौटने से पहले उन्हें लगभग दो महीने तक इंतजार करना पड़ा। हालांकि, राहुल गांधी के मामले में इस तरह के कदम की संभावना बहुत कम है।