केसीसी में महात्मा गांधी एवं शास्त्री जी के जयंती पर कार्यक्रम
कोरबा शिक्षण समिति द्वारा संचालित एवं अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर से संबद्ध कोरबा कम्प्यूटर महाविद्यालय में बड़े हर्षोल्लास के साथ महात्मा गांधी एवं शास्त्री जी की जयंती कार्यक्रम की शुरूआत महाविद्यालय के निर्देशक श्री राजेश अग्रवाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर तथा सरस्वती वंदना के साथ हुआ तत्पश्चात उन्होने छात्रों से आह्वान किया कि वे गांधी जी के बताये मार्गों पर चलें और दूसरो को भी प्रेरित करें, उन्होने बताया कि गांधी जी का जीवन आज भी प्रसांगिक है तथा हम सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर उनके बताये सत्य, अहिंसा, परिश्रम, अनुशासन और मितव्यता तथा स्वदेषी वस्तुओं का सेवन, सभी वर्गाें एवं अपनी संस्कृति से प्रेम, अपने लक्ष्य के प्रति अडिग इस तरह के बताये गये रास्तों पर चलकर सफलता प्राप्त करें। उन्होने शास्त्री जी के विचारों से छात्रों को अवगत कराया, उन्होने बताया कि 1921 में भारतीय राजनीति के फलक पर सूर्य बनकर चमके गांधी जी की आशा से आज भी हमारी धरती का रूप निखर रहा है, उनके विचारों की सुनहरी किरणें विश्व के कोने-कोने मेें रोशनी बिखेर रही है, हो सकता है कि उन्होने बहुत कुछ न किया हो, लेकिन आज भी उनकी उपेक्षा करके भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास नही लिखा जा सकता, तत्पश्चात मुस्कान (बीकॉम अंतिम) ने प्रसिद्ध भजन रघुपति राघव राजा राम से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया, साथ ही पार्वती (पीजीडीसीए) द्वारा बहुत ही सुन्दर भजन प्रस्तुत किया गया, देवाशीष (पीजीडीसीए), सोनम, मुस्कान एवं हिमांशु (बीसाए प्रथम) के द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं शास्त्री जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बहुत ही ओजस्वी भाषण प्रस्तुत किये।
महाविद्यालय के प्राचार्या एस. रावत ने गांधी जी एवं शास्त्री जी के जीवनी पर प्रकाश डाला, उन्होने बताया कि कैसे गांधी जी ने बिना शस्त्र का सहारा लिये अंग्रेजोें को भारत छोड़ने पर मजबूर किया और भारत को स्वतंत्र कराया, उन्होने आगे बताया कि गांधी जी सचमुच साधारण न होते हुए भी असाधारण थे। यह संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए गौरव का विषय है कि गांधी जी जैसा व्यक्ति भारत वर्ष की धरती पर जन्म लिए। मानवता के पक्ष में खड़े गांधी जी को मानव जाति से अलग करके देखना एक बड़ी भूल मानी जाएगी, उनका सपना था एक स्वच्छ भारत निर्माण हो, वे सत्य और अहिंसा के पुजारी के साथ-साथ गंदगी से बेहद नफरत करते थे और वे खुद सफाई करने लग जाते थे। देश के दूसरे प्रधानमंत्री शास्त्री जी ने स्वयं उपवास रहकर भूखों को खाना खिलाने के लिए पूरे देश को आह्वान किया कि वे एक वक्त का खाना खायें और एक वक्त का खाना भूखों को दें। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन महाविद्यालय के प्राचार्या एस. रावत एवं शिक्षिका लता साव द्वारा की गई। महाविद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने इन दोनो महापुरूषों के व्यक्तित्व पर अपने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण लता साव, बालीदास महंत, सुरभि कुण्डू, कंचन चौधरी, राजू कुमार सिंह एवं शिव प्रसाद निर्मलकर व महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे, सभी छात्र-छात्राओं ने अपनी कक्षा को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने के लिए पोस्टर बनाकर एवं कक्षा की सफाई व सजावट में सहयोग कर प्रतियोगिता में भाग लिये, जिसमें बीसीए द्वितीय वर्ष – प्रथम, पीजीडीसीए – द्वितीय एवं डीसीए -तृतीय स्थान प्राप्त कर पुरस्कृत हुए, इसी प्रकार हर्षोल्लास से महाविद्यालय ने गांधी जी व शास्त्री जी को याद किया कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ l