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छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस बरकरार, क्या फंसा है पेंच?

मुख्यमंत्री की दौड़ में कई नेता शामिल

रायपुर, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को लेकर हलचल तेज है. बीजेपी महासचिव, पार्टी प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. सभी नेताओं का कहना है कि पार्लियामेंट्री बोर्ड ही तय करेगा कि राज्यों के सीएम कौन होंगेl

लेकिन, बड़ी बात ये है अभी तक छत्तीसगढ़ में जीते हुए 54 सीट में से 30 से ज्यादा विधायक इक्का-दुक्का कर के रमन के निजी निवास पर दस्तक दे चुके हैं. रमन की कैबिनेट में रहे 11 पूर्व मंत्री इस बार जीतकर आए हैं. रमन सबसे बड़े चेहरे हैं इसलिए उनको नकारा नहीं जा सकता.

अरुण साव प्रदेश अध्यक्ष हैं, सांसद हैं. प्रदेश के विपरीत माहौल में इतनी बड़ी जीत उनके पक्ष में है. OBC चेहरा भी हैं. इससे बड़ा संदेश जाएगा उस समय जाएगा जब OBC की गणना को लेकर विपक्ष BJP पर हमलावर होगा. अगर इतनी बड़ी जीत का इनाम मिलता है तो अरुण साव सेवा को तैयार हैं, ऐसा वह खुद दावा कर चुके हैं.

ओपी चौधरी, रेणुका सिंह का नाम भी सीएम की रेस में

तीसरे नंबर पर विष्णु देव साय हैं. बड़े आदिवासी नेता हैं. पीएम मोदी की पहली कैबिनेट के मंत्री रहे हैं. 3 बार प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं 2 बार विधायक, 4 बार सांसद रहे हैं. उन्होंने पीएम मोदी का करीबी बताया जाता है, ऐसे में उनकी भी दावेदारी बनी हुई है.

4 नंबर पर ओपी चौधरी का नाम चल रहा है. वह पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. BJP को ज्वॉइन कर विधायक बने और अमित शाह के करीबी हैं. अमित शाह ने भरी रैली और रोड शो में उन्हें जिताने पर बड़ा आदमी बनाने का दावा किया था, ऐसे में उनको लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन राजनीतिक समझ और अनुभव न होना ये उनके खिलाफ जाता है. वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में OP को CM बनाने से अंदरखाने नाराजगी बढ़ जाएगी, तो 2024 का किला फतह करना आसान नहीं होगा.

पांचवें नंबर पर महिला नेता होने के नाते रेणुका सिंह का नाम आगे चल रहा है. वह केंद्र में राज्यमंत्री है. रेणुका रमन सरकार में मंत्री भी रही. SC-ST से आती हैं. गोंड समाज से होने की वजह से उनका प्रभाव जरूर उन जातियों पर है जो जनसंख्या के आधार पर यहां राज्य में सबसे ज्यादा हैं. महिलाओं में खासी पैठ है. महिला वोटरों पर राज्य और देश में अच्छा मैसेज जाएगा. अगर वसुंधरा का पत्ता कटता है तो बीजेपी छत्तीसगढ़ में महिला CM देकर बैलेंस करेगी.

संसदीय बोर्ड की बैठक में क्या होगा फैसला?

इसके अलावा बृजमोहन अग्रवाल का भी नाम सीएम की रेस में चल रहा है. वह 8वीं बार विधायक बने हैं. उनकी रायपुर से लेकर दिल्ली तक पैठ है. वह सूबे के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं और पार्टी के भरोसेमंद हैं. फिलहाल प्रभारी के दिल्ली जाने के बाद मंगलवार को अरुण साव प्रदेश अध्यक्ष भी दिल्ली गए हैं. संसदीय बोर्ड की बैठक में क्या होने वाला है उसका इशारा अभी तक किसी को नहीं मिला है इसलिए कोई भी खुलकर नहीं बोल रहा.

वहीं, विष्णु देव सय जैसे नेता डिप्टी CM पद की मांग कर रहे हैं. अगर रमन सिंह CM बनते हैं तो दो डिप्टी CM बनाए जा सकते हैं. बीजेपी एक OBC और आदिवासी समाज से डिप्टी सीएम का चुनाव कर बैलेंस बना सकती है क्योंकि रमन सिंह को डिप्टी सीएम नहीं बनाया जा सकता हैl

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