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जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे सर्पदंश जन जागरूकता कार्यक्रम का होने लगा असर, झाड फूँक करने वाले बैगा गुनिया के पास जाने से बचे सर्पदंश पीड़ित

जशपुरनगर ll सर्पदंश एक गंभीर आपदा के रूप में सामने आई है। बरसात के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं अधिक पाई जाती है। बरसात के मौसम में सर्प अक्सर बाहर निकल आते है, इसलिए इनसे बचाव करना जरूरी है। जागरूकता के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग सांप काटने से व्यक्ति को बैगा, गुनिया के पास झाड़-फूंक करवाने के लिए ले जाते है। जिसके कारण अस्पताल लेट में पहुंचने के कारण पीड़ित मृत्यु हो जाती है। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों सर्पदंश से बजाने एवं जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया है। सर्पदंश पीड़ित को बैगा के पास ना ले जाकर नजदीकी अस्पताल पहुंचने समझाइस दी जा रही है जागरूकता का असर ग्रामीणों को मिल रहा है और सीधे सर्पदंश पीड़ित को नजदीकी अस्पताल पहुंच कर अपना जीवन बचा रहे हैं।झाड फूँक करने वाले बैगा सीधे अस्पताल भेज रहे हैं।

बगीचा विकासखंड के सरधापाठ पंचायत के कुरकुरिया ग्राम की प्रमिला यादव को किसी जहरीले सांप ने काट लिया था जिसके बाद घबराये घर वालों ने गांव के ही झाड फूँक करने वाले प्रसाद यादव के पास लेकर गए, जहां प्रसाद यादव ने झाड फूँक से सर्पदंश का उपचार होना सिर्फ एक भ्रम बताते हुए उन्हें सीधे हॉस्पिटल जाने की सलाह दी।झाड फूँक करने वाले की ऐसी बातों से सर्पदंश पीड़िता व उनके परिवार वाले डर गए।जिसके बाद प्रसाद यादव ने जिले में चलाए जा रहे सर्प दंश जन जागरूकता की बात बताते हुए कहा कि अब हम लोग भी अच्छी तरह से समझ गए हैं कि झाड फूँक से कोई मरीज ठीक नही होता, बल्कि हम धोखे में थे कई सांपो में जहर नही होता है तो कुछ सांप कम जहर के होते हैं जिनके काटने पर कुछ देर के लिए दर्द और सूजन होता है साथ ही कई बार जहरीले सांप काटते तो है पर जहर नही छोड़ते ऐसे में हम लोग समझते थे कि हमने सांप का जहर उतार लिएऔर जब जहरीले सांप ने जहर छोड़ा हो ऐसे में झाड फूँक के दौरान जान भी जा सकती है। बैगा ने गंभीरता से समझाया।

प्रमिला यादव के पति ने बताया कि प्रसाद यादव की बातें सुन हम सीधे बगीचा हॉस्पिटल पहुँचें जहां डॉ अंकिता नेहा मिंज ने तत्काल उपचार शुरू किया जिससे मरीज की जान बचाई जा सकी। साथ ही डॉ अंकिता ने बताया कि समय रहते जितने भी सर्पदंश के मरीज हॉस्पिटल पहुँच रहे सभी की जान बचाई जा रही है।

ऐसी ही एक घटना जशपुर के गम्हरिया में कुछ दिन पूर्व घटी जहां जशपुर के बोरोकोना में सर्पदंश के बाद एक महिला गुरमईत यादव उम्र 38 को गम्हरिया के नरेश बाबा के पास ले जाया गया था जिसपे नरेश बाबा ने उन्हें तत्काल हॉस्पिटल जाने को कहा,जिसके बाद गुरमइत के पति गुरुचरण यादव अपनी पत्नी को लेकर जिला हॉस्पिटल पहुचे जहां पीड़िता की जान बचाई जा सकी,’

आदिवासी बहुल जशपुर जिले में कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के विशेष रुचि से चलाये जा रहे सर्पदंश जन जागरूकता का परिणाम आने लगे हैं झाड फूँक करने वालो में भी जागरूकता का असर स्पष्ट दिखने लगा है वे स्वयं हॉस्पिटल जाने की सलाह दे रहे हैं।

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