CHHATTISGARH PARIKRAMA

जीवन एक संघर्ष है जो जीता वही सिकंदर-विधायक रामकुमार टोप्पो

सीतापुर:-विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति का परचम लहराने वाले युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद की 161 वी जयंती के उपलक्ष्य में दो दिवसीय युवा महोत्सव का आयोजन किया।विवेकानंद युवा क्रांति समिति,युवा सेना एवं सत्यवती मेमोरियल सोशल इंस्टिट्यूट द्वारा लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित महोत्सव के मुख्य अतिथि विधायक रामकुमार टोप्पो ने अपने संबोधन में कहा कि जीवन सभी को एक अवसर प्रदान करती है।जो व्यक्ति इस अवसर का लाभ उठाता है उसका जीवन सफल हो जाता है।जीवन ने मुझे भी एक अवसर दिया था।जिसका लाभ उठाते हुए आज मैं एक विधायक के रूप में आप सभी के समक्ष उपस्थित हुँ।उन्होंने कहा कि जीवन एक संघर्ष है जो जीता वही सिकंदर है।विधायक ने युवाओ को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दौर में आप सभी को अर्जुन की तरह लक्ष्य पर निशाना साधना है।तभी जाकर आप अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाकाल में ही इतनी सिद्धि और प्रसिद्धि प्राप्त कर ली थी।जो पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गया था।आप भी अपने अंदर की क्षमता और प्रतिभा को जगाइये और वो मुकाम हासिल कीजिए।जो पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन जाये।कार्यक्रम को जनपद उपाध्यक्ष शैलेष सिंह ने भी संबोधित करते हुए कहा कि आज का युवा कल का भविष्य है।हमारा देश में युवाओ की आबादी सबसे ज्यादा है।जिसके कंधों पर भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र निर्माण के साथ एकता और अखंडता बनाये रखने की जिम्मेदारी है।इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए युवाओ को स्वामी विवेकानंद का आदर्श अपनाना पड़ेगा।उनके बताए मार्ग पर चलकर ही युवा इस देश की संस्कृति और सभ्यता को उन्नत बना सकते है।मुख्य वक्ता के रूप में अंबिकापुर से आये कांत दुबे ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद बचपन से ही आध्यात्मिक से जुड़ गए थे।वे वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे।उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत का डंका बजाया था।भारत का आध्यात्मिक से परिपूर्ण वेदांत दर्शन अमेरिका एवं यूरोप के हर देशों में स्वामी विवेकानंद के वक्तता के कारण ही पहुँचा था।वे अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस से काफी प्रभावित थे।उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है।भारत मे स्वामी विवेकानंद को एक देशभक्त सन्यासी के रूप में जाना जाता हैं।इस दौरान देश के लिए शहीद होने वाले सैनिकों के परिजनों का सम्मान किया गया।मुख्य अतिथि विधायक रामकुमार टोप्पो ने शहीद सहलू राम भगत अथनस बड़ा एवं कृष्णनाथ किंडो के परिजनों को शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।वही सेना के जवान अरुण कुमार चलराम संतोष एक्का के निधन पश्चात उनके परिजनों को भी शाल श्रीफल भेंट कर मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया।दो दिवसीय युवा महोत्सव के दौरान भाषण प्रतियोगिता के साथ क्विज,गायन,फैंसी ड्रेस के साथ अन्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था।जिसमे स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया।जिन्हें कार्यक्रम के अंत मे अतिथियों द्वारा प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।इसके अलावा आयोजन समिति द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को प्रतीक चिन्ह एवं स्वामी विवेकानंद का छायाचित्र देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका नीलम सोनी एवं आभार प्रदर्शन समाजसेवी करुणानिधि ने किया।इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष शांति देवी नगर पं अध्यक्ष प्रेमदान कुजूर भाजपा नेता रामकुमार अग्रवाल संगीता कंसारी सुनील गुप्ता संजय गुप्ता बीइओ मिथिलेष सिंह सेंगर रचना सोनी आकांक्षा सिंह शिवभरोश बेक विराट भोय कविता तिर्की लखन सिदार संतोष बेक मनीष गुप्ता मनोज दास रोमन पैंकरा अंजू टोप्पो अंकेश बड़ा जैनेंद्र पातर समेत आयोजन समिति के सदस्य एवं दर्शकगण उपस्थित थे।

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