नूंह हिंसा मामले में अरेस्ट हुए बिट्टू बजरंगी को मिली जमानत, भड़काऊ भाषण देने का था आरोप
हरियाणा ll अगस्त महीने की शुरुआत में नूंह में हुईं सांप्रदायिक झड़पों (Nuh Violence) के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए कथित गौरक्षक बिट्टू बजरंगी (Bittu Bajrangi) को बुधवार को एक अदालत ने जमानत दे दी. पुलिस ने यह जानकारी दी. बजरंगी को 17 अगस्त को नूंह की अदालत में पेश किया गया जिसके बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. वह फरीदाबाद जिले में स्थित नीमका जेल में बंद है.
नूंह पुलिस ने बताया कि बुधवार को बजरंगी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) संदीप कुमार की अदालत ने उसे जमानत दे दी. बिट्टू बजरंगी उर्फ राजकुमार को सहायक पुलिस अधीक्षक ऊषा कुंडू की शिकायत पर नूंह सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस के साथ दुर्व्यवहार का आरोप
प्राथमिकी के अनुसार सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पहचाने गए बजरंगी ने अपने कुछ अज्ञात समर्थकों के साथ कथित तौर पर एएसपी कुंडू के नेतृत्व वाली पुलिस टीम से दुर्व्यवहार किया था और धमकी दी थी. कुंडू ने उन्हें नल्हड़ मंदिर में तलवार और ‘त्रिशूल’ ले जाने से रोका था. कुंडू ने कहा कि जब भीड़ को रुकने के लिए कहा गया, तो उन्होंने पुलिस के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए, उनके साथ हाथापाई की और पुलिस वाहनों में रखे उनके हथियार भी छीन लिए.
हथियार लहराने पर हुआ था गिरफ्तार
पुलिस ने कहा कि गोरक्षा बजरंग फोर्स के अध्यक्ष बजरंगी को शुरू में तावड़ू की अपराध जांच एजेंसी टीम ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. नूंह में 31 जुलाई को सांप्रदायिक झड़प होने के एक दिन बाद 1 अगस्त को, बजरंगी को फरीदाबाद पुलिस ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने और सार्वजनिक रूप से हथियार लहराने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने बताया कि नूंह में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 60 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 305 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने के आरोप में 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और उनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि बजरंगी का उसकी युवा शाखा बजरंग दल या विहिप से जुड़े अन्य संगठनों के साथ ‘कभी कोई संबंध नहीं’ है.