CHHATTISGARH PARIKRAMA

बालको से जुड़ी कृपा राठिया लाल किला समारोह में शामिल

मोर जल मोर माटी परियोजना से जुड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी

बालकोनगर, 18 अगस्त, 2024। बेला गांव की निवासी श्रीमती कृपा राठिया लाल किला समारोह में शामिल होने के बाद अपनी खुशी को बयां करते हुए“` कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एसएचजी महिलाओं की बात करके हमारे हौंसलों को बढ़ाया है। जहां चाह वहां राह कहावत को चरितार्थ करते हुए श्रीमती कृपा 78 वें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हुई शामिल। जीवन में खुद के पहचान एवं आर्थिक चुनौतियों को मात देते हुए कृपा राठिया ने अपनी खुद की पहचान बनाई हैं।

हम सभी के लिए गर्व की बात की मिनिस्ट्री ऑफ माइंस की तरफ से देश भर से चुनिंदा औद्योगिक कंपनियों को ही बुलाया गया था। कार्यक्रम में शामिल होने वाली बालको छत्तीसगढ़ की एकमात्र कंपनी थी। देश भर के विभिन्न संस्थानों से 11 लोगों को इस समारोह में बुलाया गया जिसमें बालको, छत्तीसगढ़ की ओर से श्रीमती कृपा को शामिल होने का अवसर मिला।

मजबूती से घर की जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए आगे बढ़ने के लिए बालको की परियोजना मोर जल मोर माटी से जुड़ी। 11 साल के बच्चे की मां श्रीमती कृपा ने सामुदायिक परियोजना से जुड़कर विभिन्न प्रशिक्षण प्राप्त किये हैं। कई वर्षो में इन्होंने अपनी सफलता की कहानी को स्वयं आकार दिया है। सफल उद्यमी बनकर आज समुदाय की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी हैं। परियोजना की मदद से इन्होंने मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया जिससे साल में 50 हजार की आमदनी होती है। इसके साथ ही अपने मेहनत और लगन से कृषि क्षेत्र में भी उत्कृष्ट योगदान दे रही है। अपनी आर्थिक आत्मनिर्भरता की कहानी से इन्होंने विकसित भारत के सपने को साकार किया है मिसाल पेश की है।

श्रीमती कृपा राठिया ने लाल किला समारोह की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को ध्वजारोहण करते देखकर मन आनन्दित हो गया। कार्यक्रम को व्यक्तिगत रूप से अनुभव करना तथा प्रधानमंत्री और पूरे मंत्रालय को आमने-सामने से देखना मेरे लिए सबसे खास था। उन्होंने कहा कि मैं इस अनुभव के लिए बालको को धन्यवाद कहना चाहूंगी की उन्होंने मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर दिया। बालको की सामुदायिक परियोजना ने मुझे सशक्त बनाने के साथ हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि सरपंच ने पूरे गांव को बताया है कि वह दिल्ली गई हैं और उनके पूरे गांव से बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई है।

लाल किला से प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ने वाली हमारी बहनों की संख्या 10 करोड़ तक पहुंच गई। उन्हीं में से एक श्रीमती कृपा राठिया स्वयं सहायता समूह से जुड़ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं। बालको की उन्नति परियोजना जीपीआर स्ट्रैटेजीज़ एंड सॉल्यूशंस (जीपीआरएसएस) के साथ साझेदारी में चल रही है। इस परियोजना से कोरबा के 45 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 535 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 5751 महिलाओं को विभिन्न कार्यक्रमों से लाभ मिल रहा है। परियोजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के फेडरेशन विकास की दिशा में कार्य जारी है। महिलाओं को क्षमता निर्माण, वित्तीय प्रबंधन, सूक्ष्म उद्यमों के प्रचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मोर जल मोर माटी परियोजना 32 गांवों में 1800 एकड़ से अधिक भूमि के साथ 4749 किसानों तक अपनी पहुंच बना चुका है। किसान आजीविका के लिए कृषि के साथ पशुपालन, बागवानी और वनोपज जैसी गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। बालको अपने सामुदायिक विकास कार्यों की मदद से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल एवं स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, स्थायी आजीविका और पर्यावरण, संरक्षण में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button