बाल व्यास पंडित सुयश दुबे जी ने श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस में प्रहलाद चरित्र एवं वामन अवतार प्रसंग सुनाया
अहंकार मुक्त मनुष्य को प्राप्त होती है ईश्वर कृपा- पंडित सुयश दुबे
कोरबा ll सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति के संस्थापक शिव पुराण श्रीराम कथा एवं श्रीमद भागवत कथा के मर्मज्ञ पंडित देवशरण दुबे जी के सुपुत्र सुयश दुबे ने कोरबा एमपी नगर निहारीका में आयोजित श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के तृतीय दिवस में वामन अवतार एवं प्रहलाद चरित्र का प्रसंग सुनाया। राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए भगवान विष्णु ब्राम्हण बालक के रूप में धरती पर आए थे और प्रहलाद के पौत्र राजा बलि से दान में तीन पद धरती मांगी थी। तीन कदम में भगवान विष्णु के पांचवें अवतार वामन देव ने अपने पैर से तीनों लोकों को नाप कर राजा बलि का घमंड तोड़ा था। महाराज ने कहा कि व्यक्ति को कि कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए।
अहंकार, लोभ, ईर्ष्या, द्वेष ये सब ईश्वर कृपा प्राप्ति में बाधक है। अहंकार मुक्त मनुष्य को ही ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही प्रहलाद चरित्र की कथा बताते हुये उन्होंने कहा कि बच्चों को बचपन में ही ईश्वर भक्ति के संस्कार देना चाहिये, जिससे जीवन मे ईश्वर प्राप्ति का मार्ग सुगम हो जिस तरह भक्त प्रहलाद का हुआ। तृतीय दिवस की कथा को आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ विराम दिया गया। इस अवसर पर यजमान निर्मला शत्रुध्न प्रसाद दुबे, कुंती देवप्रसाद दुबे, प्रभा रामखिलावन पांडे, अनीता गिरधारी दुबे, सरस्वती संजय स्वर्णकार, लक्ष्मीन जागवत सिंह, गंगा समारूलाल साहू, निशा देव नारायण पांडे, सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति के संस्थापक पंडित देवशरण दुबे, कोरबा जिला शाखा प्रभारी डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य डॉ.संजय वैष्णव, पंडित रामू तिवारी, पंडित गजेश तिवारी, पंडित अंकित पांडे, पंडित देवनारायण पांडे, पंडित प्रांजल पांडे, पंडित पुष्प राज दुबे, पंडित हर्ष नारायण शर्मा, नेत्रनन्दन साहू, अश्विनी बुनकर, कमल धारीया, चक्रपाणी पाण्डे, राजेश प्रजापति, भरत अग्रवाल, श्रीमती प्रतिभा शर्मा, रोहित पटेल, श्रीमती रेवती पटेल, श्रीमती सरिता अग्रवाल प्रसाद वितरण में सुरजीत राजेश शर्मा, सरिता जयप्रकाश अग्रवाल, अरुणा सुनील चन्ने के अलावा संगीत कलाकार मनोहर, हर्षित योगी, गोलू नामदेव, राघवेंद्र रघु वंशी, नागेन्द्र कमल एवं अंचलवासी विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।