महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती पर माल्यार्पण कर किया गया स्मरण
कोरबा:- गांधी चौक कोरबा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जयंती कार्यक्रम में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने उपस्थित होकर उनके प्रतिमा पर पुष्पांजलि व माल्यार्पण अर्पित कर उन्हें स्मरण किया।
इस मौके पर कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि मोहन दास करमचंद गांधी, एक ऐसा नाम जो दुनियाभर में अपने दृश निश्चय, सत्य के लिये अटल-अडिग और अहिंसा के रास्ते पर चलकर विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है। उनके जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, स्कूल में औसत विद्यार्थी होने के बावजूद उन्होने भारत में ब्रिटिश शासन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। वे असाधारण बुद्धि और सिद्धांतों वाले आदमी थे। महात्मा गांधी का जीवन और शिक्षाएं सभी उम्र के लोगों, विशेषकर स्कूली छात्रों को प्रेरित करती है।
वहीं राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि महात्मा गांधी सभी धर्मों के लिये सम्मान का रवैय्या और उनकी अच्छी बातों को समझने की इच्छा उनके दिमाग में प्रारंभिक जीवन में घर कर गई थी। उनके व्यक्तित्व के नैतिक प्रभाव और अहिंसा की तकनीक की तुलन नही की जा सकती और ना ही इसकी किमत किसी देश या पीढ़ी तक सिमित है यह मानवता के लिये उनका अविनाशी उपहार है।
सभापति श्याम सुंदर सोनी ने कहा कि भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार का प्रतिकार के अग्रणी नेता थे। उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धांत पर रखी गई थी जिसमें भारत को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम दिलाकर पूरे विश्व में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आंदोलन के लिये प्रेरित किया।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महात्मा गांधी विश्व के युग महापुरुषों में से थे उन्हें किसी एक भौगोलिक परिधि के सीमित दायरे में अथवा किसी जाति विशेष, सम्प्रदाय या परम्परा के अंतर्गत रखे जाने का विचार भी लाना असंगत होगा। युगपुरुष महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के व्यापक महत्व को समझा और अपने आप में आत्मसात किया। वे समग्र मानवता के कल्याण और सर्वोदय के लिए प्रयास करते थे।
जिलाध्यक्ष सपना चौहान ने अपने उद्बोधन में बताया कि महात्मा गांधी ने उनके निधन के एक दिन पूर्व अपनी भतीजी-पौत्री मनु से कहा था-यदि किसी ने मुझ पर गोली चला दी और प्राण त्याग करते समय मैं राम का नाम लिया तो मुझे महात्मा कहना और दूसरे ही दिन महात्मा गांधी को गोली लगी और उन्होंने राम का नाम लिया। आगे उन्होंने कहा कि गांधी जी द्वारा दी गई सबसे मूल्यवान और स्थायी सीखों में से एक अहिंसा की शक्ति है। महात्मा गांधी जी ने यह साबित कर दिया कि शांतिपूर्ण प्रतिरोध महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन ला सकता है।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा भारत में ब्रिटिश शासन का समर्थन कर रहे भारतीय राजाओं की महात्मा गांधी द्वारा की गई निंदा से अत्यंत प्रभावित हुए। लाल बहादुर शास्त्री जब केवल ग्यारह वर्ष के थे तब से ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कुछ करने का मन बना लिया था।
कोरबा ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर ने कहा कि स्वतन्त्रता की लड़ाई में शास्त्री जी ने ‘मरो नहीं मारो’ का नारा दिया, जिसने पुरे देश में स्वतन्त्रता की ज्वाला को तीव्र कर दिया. शास्त्री जी एक ‘गाँधी-वादी’ नेता थे, जिन्होंने सम्पूर्ण जीवन देश और गरीबो की सेवा में लगा दिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में गांधी चौक पर स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई उनके जीवनी पर प्रकाश डाला गया और कीर्तन भजन का आयोजन किया गया। तत्पश्चात् पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धांजली अर्पित करते हुए उनके जीवनी पर प्रकाश डाला गया।
इस मौके पर सत्येन्द्र वासन, बी. एन. सिंह, आरिफ खान, मनीष शर्मा, रवि खुंटे, विकास सिंह, अशोक लोध, प्रदीप राय जायसवाल, शैलेंद्र सिंह, राजेश यादव, गीता गवेल, बृजभूषण, मो. शाहिद, गीता महंत, विनोद सोनकर, पंकज अग्रवाल, संजय यादव, प्रेमलता मिश्रा आदि ने भी पुष्पांजली अर्पित कर महात्मा गांधी के जीवन पर प्रकाश डाला।