राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने टी. एस. सिंहदेव से मुलाकात कर कोरबा की विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए पत्र सौंपा
कोरबा , राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने उप मुख्यमंत्री व राज्य के ऊर्जा मंत्री टी.एस. सिंहदेव से मुलाकात कर कोरबा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी की विभिन्न इकाईयों की खाली पड़ी भूमि पर वर्षो से निवासरत लोगों के कब्जे की भूमि को राज्य विद्युत मण्डल के आधिपत्य से मुक्त कराने के संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुए पत्र सौंपा। राजस्व मंत्री द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मण्डल कोरबा के पूर्व व पश्चिम क्षेत्र में स्थित उत्पादन इकाईयों को राज्य सरकार द्वारा भूमि आबंटित किया गया है। पत्र में आगे यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य विद्युत मंडल द्वारा उपयोग में नहीं लाई जा रही विभिन्न क्षेत्र के भूमि के हिस्सों में आम नागरिकों द्वारा तीन-चार दशक से स्थायी व अस्थायी मकान बनाकर निवास किया जा रहा है। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी क्षेत्रों में केन्द्र और राज्य सरकार के योजना अनुरुप बुनियादी सुविधाएं बस्तीवासियों को उपलब्ध कराया गया है जिनमें प्रमुख रूप से शिक्षा के लिये शासकीय स्कूल स्वास्थ्य के लिये उपस्वास्थ्य केन्द्र, सी.सी. रोड, नाली, बिजली, पार्क, सामुदायिक भवन, ओपन जिम, स्वस्थ भारत मिशन के तहत प्रत्येक घर में शौचालय निर्माण आदि के कार्य शामिल हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की महती योजना के तहत् सभी घरों में निःशुल्क नल टेप कनेक्शन उपलब्ध करवाए गये हैं। पत्र में यह भी बताया गया है कि विभिन्न क्षेत्रों के निवासियों द्वारा नगर पालिक निगम कोरबा को सम्पत्ति कर का भुगतान भी किया जाता है।
राजस्व मंत्री द्वारा ऊर्जा मंत्री टी.एस. सिंहदेव को लिखे पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि केन्द्र सरकार के उपक्रम एसईसीएल द्वारा उपयोग में नहीं लिए जा रहे रिक्त भूखण्डों को राज्य शासन को वापस कर दिया गया है और अन्य प्रतिष्ठानों जैसे बालको व एन.टी.पी.सी. आदि द्वारा उपयोग में नहीं लाए जा रहे रिक्त भूखण्डों को उनके आधिपत्य से मुक्त कराने की प्रक्रिया जारी है ताकि राज्य सरकार को ऐसे भूखण्ड वापस लौटाये जा सकें। जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा जिला अन्तर्गत उनके विधानसभा क्षेत्र के उन सभी इलाकों का जिक्र अपने पत्र में किया है जहां तीन-चार दशकों से लोग स्थाई व अस्थाई आवास बनाकर निवास कर रहे हैं और उन क्षेत्रों में शासन की विभिन्न योजनाओं के अनुरूप नागरिकों को सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। कोरबा विधानसभा अन्तर्गत आनेवाले ऐसे क्षेत्रों में वार्ड क्रमांक 15 अन्तर्गत ढोढीपारा, भैंस खटाल, गरम नहर, बी-टाईप कॉलोनी के सामने वार्ड क्रमांक 16 अन्तर्गत जोगियाडेरा, बरपारा, पीपर पारा, खान मोहल्ला, साहू मोहल्ला, पुराना कोहड़िया, नर्सरी पारा, ढेंगुरनाला से भवानी मंदिर तक वार्ड क्रमांक 17 अन्तर्गत पथरीपारा, डबरीपारा, नया / पुराना मानस नगर, नायर मोहल्ला वार्ड क्रमांक 18 अन्तर्गत चेकपोस्ट, एकतानगर, डबरीपारा, ओएस कॉलोनी, पथर्रीपारा, रामपुर, दारूभट्ठी के सामने और उरांव मोहल्ला वार्ड क्रमांक 20 एवं वार्ड क्रमांक 21 अंतर्गत सम्पूर्ण बस्ती। वार्ड क्रमांक 43 अन्तर्गत कलमी डूग्गू, धनुहारपारा, श्याम नगर वार्ड क्रमांक 44 अन्तर्गत प्रेमनगर वार्ड क्रमांक 45 अन्तर्गत राजीव नगर ओडिया बस्ती, रामनगर आदि शामिल हैं। पत्र में इस बात का विशेष उल्लेख किया गया है कि ऐसे क्षेत्रों में निवासरत नागरिकों द्वारा लम्बे अरसे से स्थायी पट्टे की मांग की जा रही है और इस संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विगत अपने कोरबा प्रवास के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की जमीन पर लम्बे समय से निवासरत लोगों को स्थायी पट्टा दिये जाने की घोषणा भी की गई है। पत्र में ऊर्जा मंत्री से विशेष आग्रह किया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी को आबंटित की गई जमीन जो उनके आधिपत्य अन्तर्गत तो है लेकिन ऊपर दर्शाए गए क्षेत्रों में सी.एस.ई.बी. द्वारा एक लम्बे अरसे से उपयोग में नहीं लाई जा रही है जिन पर आम नागरिक निवासरत हैं। अतव उक्त क्षेत्र को सी.एस.ई.बी. से मुक्त कराने हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने का कष्ट करें जिससे उन क्षेत्रों के निवासियों को स्थायी पट्टा उपलब्ध कराया जा सके। पत्र के माध्यम से राजस्व मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया है कि चूँकि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी राज्य शासन का उपक्रम है, अतएव यथाशीघ्र बोर्ड की बैठक आयोजित कराकर भूमि राज्य शासन को वापस कराने की दिशा में कार्रवाई की जायेगी ताकि संबंधित हितग्राहियों को स्थायी पट्टा दिया जा सके। सम्पूर्ण मामले पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए टी.एस. सिंहदेव ने राजस्व मंत्री को शीघ्र ही यथोचित कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया है।