श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन 04 अगस्त से 09 अगस्त तक
कोरबा:- साडा कालोनी जमनीपाली के सप्तदेव शिव मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन दिनांक 04 अगस्त ये 09 अगस्त तक कराया जा रहा है। कथा वाचक आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी ने अपने सुमधुरवाणी से श्रद्धालुजनों को कथा का रससुधापान करा रहे हैं।
आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी ने कथा के प्रथम दिवस श्रीमद् भागवत महात्म्य, वराह अवतार का महत्व बताते हुए कहा कि मनुष्य के दैहिक और भौतिक तापों का नष्टकारिणी और जीवन में ज्ञान मंगल सुख प्रदान करने वाली श्रीमद् भागवत कथा मोक्षदायिनी है। यह कथा दैनिक पुण्य लाभ प्रदान करने के साथ-साथ मनुष्य को निष्काम भक्ति के भाव से जोड़ती है जिसके चलते मानवता का प्रतिपादन करते हुए मानव जीवन धन्य हो जाता है।
आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी ने कहा कि प्रेम ही संसाद का सार है और यह जगत इसी से तार-तार बंधी है। वहीं कथा के दुसरे दिन कथा वाचक पवन कृष्ण गोस्वामी ने ध्रुव चरित्र का प्रसंग विस्तार पूर्वक वर्णन के साथ संगीतमय प्रवचन दिये। आचार्य श्री ने भागवत के चार अक्षर का अर्थ बताते हुए कहा कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त से त्याग, हमारे जीवन में जो प्रदान करे उसे हम भागवत कहते हैं। इसी कथा के सुनने मात्र से पाप से मुक्ति मिल जाती है। इस जगत में भगवत कृपा के बिना कुछ भी संभवन नही है, प्रत्येक मुनष्य को समाज में अच्छे काम करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि कर्म ही प्रधान है जो मनुष्य अच्छा काम करते हैं उसका परिणाम अच्छा ही होता है व बुरे कर्म करने वालों के प्रति बुरा ही होता है। इसलिए सभी को अच्दे कर्मों के प्रति आकृष्ट होना चाहिए।
आचार्य श्री ने कथा सुनाते हुए कहा कि समाज के समाजिक लोगों का राजा परीक्षित से सीख लेनी चाहिए। परीक्षित का चरित्र पढेंगे या सुनेंगे तो पता चलेगा व्यस्तता के बावजूद भी कथा सुनने के लिए वक्त निकाला जा सकता है। अनेक प्रसंगों और उदाहरण के माध्यम से व्यास गदड़ी पर विराजमान आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी ने भागवत कथा का सुंदर वर्णन किया जिसे सभी श्रद्धालुओं ने मंत्रमुग्ध होकर कथा श्रवण किया।
आज के कथा में मुख्य रूप से राजू गोयल, राजेन्द्र तिवारी, बैद्यनाथ महेश्वरी, बैद्यनाथ अग्रवाल, विनोद सिंघानिया, प्रेमकुमार अग्रवाल, श्रीमती सत्यभामा अग्रवाल, उषा खेतान, विनोद अग्रवाल, माया अग्रवाल, मनोज पार्षद, प्रेम मित्तल, सुरेश प्रगति, सुरेश बालाजी, अशोक दर्री, गणेश अग्रवाल, अशोक सिंह, रमेश सिंह, प्रमोद एल.आई.सी., दशरथ शर्मा, ऋषि अग्रवाल, राजेन्द्र गुप्ता, अनुराधा तिवारी, आर. डी. सिंह, पावर्ती अग्रवाल, अनिलदेवी, गोविन्द अग्रवाल, के. आर. देशमुख, सुमन देशमुख, शोभा सिंग, अनिता सिंग, बृजमोहन दुबे, गुलाबचंद दुबे, संतोष अग्रवाल, सुनीता शुक्ला, कमला दुबे, बेला गायधाने, नंदनी महाजन, पिंकू गौतम, सपना चोपड़ा,जी आर कुम्हारे, बबीता राव,किरण शर्मा, नीरू सिंह, सरिता शर्मा, रागनी कश्यप, सुधा श्रीवास्तव, अनीता शर्मा, गीता त्रिपाठी, निर्मला शर्मा सहित भारी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।