स्कूल गेम्स पर निजी व सरकारी स्कूल आमने-सामने
1 अगस्त से शुरू हो रहे हैं जिला स्तरीय स्कूली खेलकूद, छत्तीसगढ़ में हैं 6 लाख सीबीएसई के स्कूली बच्चे
रायपुर।स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सीबीएसई को एक अलग यूनिट की मान्यता दी है। इसके बाद राज्य की स्कूल शिक्षा संचालक दिव्या मिश्रा ने 24 जुलाई को जारी आदेश में इन स्कूलों के बच्चों को इस साल से स्कूल गेम्स में शामिल नहीं करने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश को लेकर अब निजी स्कूल एसोसिएशन के साथ ही पालक संघ भी लामबंद हो रहा है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने संचालक के उक्त आदेश पर 29 जुलाई को पत्र जारी कर इसे एकतरफा निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में चल रहे 550 सीबीएसई और 10 आईसीएसई पैटर्न स्कूल में लगभग 6 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जो सरकारी स्कूल में पढ़ रहे 10 लाख के बच्चों के मुकाबले में आधे से भी अधिक हैं। ऐसी स्थिति में संचालक को आदेश जारी करने से पहले एक बार निजी स्कूल एसोसिएशन से भी चर्चा कर लेनी थी बातचीत में उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा संचालक को लिखे गये पत्र में उन्होंने बताया है कि अभी सीबीएसई को अलग यूनिट का दर्जा दिये जाने के बावजूद अब तक एसजीएफआई का कोई अलग शिड्यूल जारी नहीं किया गया है, ऐसी स्थिति में जिस राज्य के बच्चे सीबीएसई स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उनका यह साल बर्बाद हो जाएगा। इसलिए छात्र हित व खेल हित को ध्यान में रखकर विभाग को इसमें रियायत बरतना चाहिए। उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा संचालक ने यह आदेश सरकारी स्कूल पीटीआई संघ की मांग पर जारी किया था। इस मामले में स्कूल शिक्षा संचालनालय के खेल प्रभारी अनिल मिश्रा ने कहा कि पीटीआई संघ का एक धड़ा सीबीएसई स्कूलों के बच्चों को खेल से बाहर करने के खिलाफ है। उनका भी पत्र संचालक के समक्ष रखा गया था। श्री गुप्ता ने कहा कि प्रशासनिक व्यस्तता के चलते संचालक से चर्चा नहीं हो पाई, इसलिए हमने एसोसिएशन का मांग पत्र उनके विभाग में दिया है। चर्चा के लिए फिर जाएंगे।
एक अगस्त से शुरू हो रहे जिला स्तरीय खेल
पिछले सप्ताह स्कूली खेलकूद का केलेण्डर बनाने हुई बैठक में जिला शिक्षा विभाग ने 1 अगस्त से जिला स्तरीय स्कूली खेलकूद का कैलेण्डर जारी कर दिया है। इस कैलेण्डर में सीबीएसई पैटर्न स्कूलों को बाहर कर दिया गया है। बैठक में उपस्थित जिला शिक्षा विभाग के खेल प्रभारी आईपी वर्मा ने इसकी जानकारी उपस्थित खेल शिक्षकों को दी।
उक्त विषय पर जब हमने अनिल मिश्रा जी संयुक्त संचालक से बात करनी चाही तो उनसे बात नहीं हो सकी