CHHATTISGARHCHHATTISGARH PARIKRAMACRIMEKORBANATIONALSPORTS

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में साक्षरता को बढ़ावा देने हेतु आयोजित की गई पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता

⭕ आईपीएस दीपका के विद्यार्थियों ने पोस्टर ,स्लोगन एवं निबंध लेखन में अपनी भावनाएं व्यक्त कर दिया साक्षरता का संदेश।

⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने आकर्षक पोस्टर बनाकर दिया साक्षरता का संदेश।

⭕ यदि हम शिक्षित होंगे तभी हम देश व समाज की प्रगति में अपन योगदान दे सकते हैं-डॉ0 संजय गुप्ता।

⭕ साक्षरता इंसान के जीवन को आकार देने के साथ ही उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी बनाता है- डॉ0 संजय गुप्ता।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर वर्ष 8 सितंबर को मनाया जाता है।विश्व संस्था यूनेस्को के द्वारा सन् 1966 ई0 में विष्व भर में निरक्षरता को मिटाने के मकसद से यह अभियान शुरु किया गया।उस दिन यह संकल्प लिय गया कि किसी भी देश में 1990 तक कोई भी निरक्षर नहीं रहेगा।यह अभियान ऐसे देशों में चलाया गया जो इसमें पिछडे़ हुए थे।भारत का नाम भी इसमें आता है।यह दिवस विश्व भर में साक्षरता का संदेश देता है।इसका उद्देश्य लोगों तक ज्ञान पहुँचाना है क्योंकि निरक्षरता अंधेरे के समान है और साक्षरता प्रकाश के समान है।अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए लोगों को साक्षर होना बहुत जरुरी है।हमारे देश में शिक्षा को लेकर कई अभियान चलाए जा रहे हैं।जैसे सर्व शिक्ष अभियान,मिड डे मील योजना,राजीव गाँधी साक्षरता मिशन इत्यादि।शिक्षा के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों और अंधविश्वासों से मुक्ति दिलाई जा सकती है।शिक्षा के नाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपयों की योजनाएँ चलाई जाती हैं,लेकिन नतीजा ज्यादा अच्छा नहीं मिल पाता।साक्षरता केवल किताबी ज्ञान हासिल करने तक सीमित नहीं है,बल्कि साक्षरता का मुख्य उद्देश्य लोगों में उदने अधिकारों के प्रति और उनके कर्तव्यों के प्रति जागरुक करना है।शिक्षा ही मनुष्य को मनुष्यता की तरफ ले जाती है।किसी भी देश का सबसे बड़ा अभिशाप वहाँ के निवासियों की निरक्षरता है।मनुष्य और पशु में यदि कोई अंतर है तो वह है बुद्धि का।संसार के किसी न किसी हिस्से में आज भी निरक्षरता रुपी अभिशाप विकास की जड़ों को खोखला कर रहा है।

उपर्यक्त सभी बातों की ध्यान में रखते हुए *दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में* अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन किए गए।इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने विभिन्न स्लोगन एवं आकर्षक पोस्टरों एवं निबंध के माधयम से साक्षरता के महत्व का संदेश दिया।किसी ने पूरी पृथ्वी को एक श्वेत पत्र में आकार देकर कलम और कागज के सामंजस्य से साक्षरता का प्रेरक संदेश दिया तो कोई विश्व को आकार देकर साक्षरता की अलख जगाता नजर आया। इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने अनेक आकर्षक चित्रों के माध्यम से साक्षरता का महत्व बताने का प्रयास किया। कक्षा शिक्षक और शिक्षिकाओं ने भी अपन-अपनी कक्षओं में विद्यार्थियों को शिक्षा एवं साक्षरता के महत्व सें अवगत कराया। विद्यायालय में लोगों को साक्षरता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से साक्षरता रैली निकाली गई ।रैली में विद्यार्थियों ने साक्षरता से संबंधित विभिन्न नारे लगाते हुए लोगों को साक्षरता के प्रति जागरूक किया।

*प्राचार्य डॉ0 संजय गुप्ता ने कहा* कि यदि हम शिक्षित होंगे तभी हम देश व समाज की प्रगति में अपन योगदान दे सकते हैं।खासकर पुरुषों के साक ही साथ महिलाओं का साक्षर होना परम आवश्यक है क्योंकि एक शिक्षित महिला आसानी से देश व समाज को शिक्षित कर उन्नति की राह में अग्रसर कर सकती है।आज हमें जरुरत है कि हम उच्च् शिक्षा से भी पहले प्राथमिक शिक्षा को महत्व दें क्योंकि जब पेड़ को जड़ से सींचा जाएगा तभी पेड़ फलेगा-फूलेगा।नई पीढ़ी को प्रेरित करने से ही हम विश्व से निरक्षता व अज्ञान से भावी पीढ़ी को सुरक्षित रख सकते हैं।जब तक देश की अधिकांश आबादी साक्षर नहीं होगी तब तक गरीबी,अंधविश्वास,लिंग भेद,जनसंख्या बढ़ोतरी जैसी सीमाजिक समस्याओं से पार पाना असंभव है। साक्षरता में वह क्षमता है जो किसी भी राष्ट्र के विकास में सहायक है।एक रूवक्ति का शिक्षित होना उसके स्वयं का विकास है,वहीं एक बालिका शिक्षित होकर पूरे घर को संवार सकती है।साक्षरता इंसान के जीवन को आकार देने के साथ ही उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी बनाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button