CHHATTISGARH PARIKRAMA

उधारी वापस न मिलने पर पॉस्टर ने जहर खाकर दी जान

कोरबा/दो लोगों को दिए गए कुल 11 लाख रुपए वापस नहीं मिलने पर ग्राम बाता निवासी पॉस्टर ने जहर का सेवन कर अपनी जान दे दी। जहर का सेवन करने के बाद पास्टर को एक अस्पताल में गुरुवार को भर्ती कराया गया था। मृतक का एक सुसाइड नोट भी मिला है।

कटघोरा तहसील मृतक पास्टर के ग्राम दुरपा के निकट बाता गांव के चर्च में पॉस्टर रमाशंकर पाटले ने लोगों को दिए पैसे वापस नहीं मिलने पर जहर का सेवन कर लिया। इसके बाद शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में उनकी मौत हो गई। उनके पास से सुसाइड नोट मिला

है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनसे रंजीत कुमार रात्रे ने 5 लाख रुपए और शरद एस मसीह ने 6 लाख रुपए उधारी में लिए थे। बार-बार मांगने पर भी उनकी रकम वापस नहीं कर रहे थे। उलटे रंजीत ने उन्हें कटघोरा थाना बुलाकर धमकाया था कि झूठे मामले में फंसा देंगे। पाटले के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटियां और इकलौता युवा बेटा विकास है। विकास ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी की तलाश में है। पिता की मौत से व्यथित विकास ने बिलखते हुए बताया कि रंजीत कुमार रात्रे और शरद एस मसीह ने तीन साल पहले रुपए लिए थे। सिविल लाइन पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की है। शरद मसीह अपने आपको एक मानवाधिकार व अपराध नियंत्रण संगठन का पदाधिकारी भी बताता है।

फोन कर दोस्त से कहा- मेरे परिवार का ध्यान रखना

परिजनों के मुताबिक अपने एक परिचित को उन्होंने इस संबंध में कॉल भी किया था। इसमें भी उन्होंने उक्त बातों का उल्लेख करते हुए प्रार्थना की थी कि उनके मरने के बाद उनके परिवार व बच्चों का ध्यान रखना। परमेश्वर का वास्ता देते हुए उन्होंने कहा कि मेरी इतनी मदद जरूर करना। रंजीत और शरद ने मुझे बर्बाद कर दिया। मृतक के बेटे विकास ने कहा है कि उनके पिता तो चले गए। लेकिन दोनों के अत्याचार का कोई और शिकार नहीं होना चाहिए। मृतक का सुसाइड नोट और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी दैनिक भास्कर को मिले हैं। सिविल लाइन पुलिस का कहना है कि मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।

सुसाइड नोट में ये लिखा

रमाशंकर पाटले पिता स्व. बुधवारू पाटले ने सुसाइड नोट में लिखा है कि चटाईनार बांकीमोंगरा निवासी रंजीत कुमार रात्रे को उन्होंने 5 लाख रुपए दिए थे। रविशंकर नगर निवासी शरद एस. मसीह को 6 लाख रुपए दिए थे। शरद एस. मसीह का ऑफिस कमला डॉग्नोस्टिक के पास स्थित है। दोनों ने उनके पैसे नहीं लौटाए। मैने जब रंजीत से पैसा मांगा तो उसने पैसा तो नहीं दिया और मुझे कटघोरा थाना बुलाकर धमकाया कि केस कर दूंगा। वह मुझसे और पैसा मांगने लगा। मैं थाने से लौटा तो उसने फोन कर के भी धमकाया। इसी तरह से शरद मसीह भी मुझे अपने पैसे देने के लिए घुमा रहा है और धमकी दे रहा है कि मेरी बहुत ऊंची पहुंच है, मैं तुम्हे जेल भिजवा दूंगा।

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