एक युद्ध-नशे के विरूद्ध के तहत दवा दुकानों की औचक जांच, एक दुकान सील
दवा दुकानों का जिला प्रशासन व खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम औचक निरीक्षण की
अंबिकापुर। दवा का नशे के रूप में बढ़ते प्रचलन को देखते हुए जिला प्रशासन सजग है। दवा दुकान संचालकों को वैसे तो पूर्व में ही दिशानिर्देश दिए गए हैं कि वे नारकोटिक की श्रेणी में आने वाले औषधियों का विक्रय बिना किसी चिकित्सक की पर्ची के न करें, इसके बाद भी कुछ दवा दुकानों से ऐसी औषधियां आसानी से बिना किसी चिकित्सक की पर्ची के उपलब्ध करा दी जाती हैं। सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने नशे के रूप में नारकोटिक औषधियों के उपयोग को देखते हुए दवा दुकानों की जांच करने के निर्देश एक युद्ध नशे के विरूद्ध के तहत अभियान अंतर्गत दिए हंै ताकि इस बात का पता चल सके कि नारकोटिक औषधियां ग्राहकों को उपलब्ध कराने के पूर्व दिए गए दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं। इसी क्रम में जिला प्रशासन और खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की संयुक्त टीम ने शहर के दो दवा दुकानों में औचक दबिश दी तो एक मेडिकल स्टोर में सबकुछ सही पाया गया, वहीं एक दवा दुकान जहां नारकोटिक औषधियां तो उपलब्ध मिली, लेकिन बिक्री की गई औषधियों का कोई संतोषजनक रिकार्ड व चिकित्सक की पर्ची नहीं मिली। ऐसे में उक्त दुकान को सील कर दिया गया है।
*सील दुकान में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी नहीं मिले*
नारकोटिक औषधियों के दुरूपयोग रोकने के मद्देनजर जिला प्रशासन तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग अंबिकापुर की संयुक्त टीम द्वारा शुक्रवार को मेसर्स निशांत मेडिकोज, देवीगंज रोड एवं मेसर्स दिशा मेडिकल महामाया मंदिर चौक का औचक निरीक्षण किया गया। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के सहायक औषधि नियंत्रक ने बताया कि निरीक्षण के दौरान मेसर्स निशांत मेडिकोज में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट उपस्थित मिले एवं नारकोटिक औषधियों का क्रय-विक्रय रिकार्ड मौके पर निरीक्षण के दौरान सही पाया गया। मेसर्स दिशा मेडिकल के निरीक्षण दौरान रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट नहीं मिले। रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के स्थान पर अन्य सामान्य व्यक्ति कार्य करते पाए गए। निरीक्षण दौरान फर्म में नारकोटिक औषधियां पाई गई, जिनका क्रय-विक्रय, बिल एवं चिकित्सक पर्ची की छायाप्रति मांगे जाने पर उपलब्ध नहीं कराया गया। उपरोक्त आधार पर संयुक्त टीम द्वारा फर्म पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है।