कलेक्टोरेट की ओर रूख किए अभाविप के कार्यकर्ता, पुलिस ने प्रवेश द्वार किया बंद
फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाने व भर्ती परीक्षा में चयन के मामले में कार्रवाई व गिरफ्तार किए गए युवाओं के नि:शर्त रिहाई की मांग
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता का आरोप लगाते हुए अभाविप के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। इनका जैसे ही कलेक्टोरेट परिसर की ओर रुख हुआ, पुलिस ने प्रवेश द्वार बंद कर दिया, बाद में कलेक्टोरेट परिसर के बाहर ही इन्होंने मांग पत्र सौंपा।
अभाविप के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए कुछ लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर भर्ती परीक्षा के माध्यम से चयनित हुए हैं। इसी मामले को लेकर राजधानी में युवाओं ने अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया, जो पूरे प्रदेश को शर्मसार करने वाला है। यह प्रदर्शन वर्तमान सरकार की भ्रष्ट व्यवस्था को उजागर करती है। लगातार युवाओं के आक्रोश और चरणबद्ध आंदोलन के पश्चात भी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण अनुसूचित जाति, जनजाति के युवाओं को प्रदर्शन का यह अंतिम तरीका चुनना पड़ा, जो सरकार की असंवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है। इस प्रकार के प्रदर्शन के बीच युवाओं की जायज मांगों को अनसुना करते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा विभिन्न धारा लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उपरोक्त घटनाक्रम को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अंबिकापुर नगर ने आंदोलन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। नगर मंत्री यशराज सिंह ने ज्ञापन के माध्यम से फर्जी प्रमाणपत्र धारकों एवं जिम्मेदार लोगों के ऊपर कानूनी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही गिरफ्तार किए गए युवाओं को बिना किसी शर्त के छोड़ने का आग्रह किया है। इस दौरान मुख्य रूप से सरगुजा विभाग संगठन मंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य दीपक गुप्ता, कोरिया विभाग के संयोजक निलेश नाविक, जिला संयोजक उज्जवल तिवारी, अविनाश मंडल, रॉनी मिश्रा, गोपाल सिंह, सिद्धार्थ शर्मा, कैप खान सहित सभी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।