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केंद्रीय एजेंसी से होनी चाहिए शिक्षा घोटाले की जांच-अनुराग

अंबिकापुर। शिक्षा विभाग में पदोन्नति पश्चात पदांकन मामले में शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे द्वारा व्यापक भ्रष्टाचार के खुलासे के पश्चात पूरे प्रदेश में उगाही व लेनदेन की भारी शिकायतेंं सामने आ रही है। इसके मद्देनजर पूरे मामले को सार्वजनिक करते हुए 22 हजार शिक्षकों की पदस्थापना को निरस्त कर दिया एवं 1366 पदोन्नति के प्रकरणों में भी अनियमितता स्पष्ट की गई।
मामले में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने बयान जारी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में शिक्षा विभाग का यह घोटाला अत्यंत व्यापक है। पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच मुख्यमंत्री को तत्काल करानी चाहिए एवं तात्कालिक शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के कार्यकाल में पोस्टिंग व पदोन्नति पर हुए भ्रष्टाचार में मंत्री सहित अन्य दोषी लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। वर्तमान खुलासे में सिर्फ एलबी शिक्षक एवं शिक्षक संवर्ग की जांच ही की जा रही है। उक्त मामले में प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षकों के पदोन्नति पदस्थापना में हुए घोटाले की भी जांच किए जाने की आवश्यकता है। पूर्व में भी कांग्रेस विधायक द्वारा तात्कालिक स्कूल शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे, किंतु किन कारणों से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब स्वयं वर्तमान मंत्री के द्वारा भ्रष्टाचार का खुलासा किए जाने के बाद दोषी पूर्व मंत्री पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बड़े शिक्षा घोटाले पर छत्तीसगढ़ भाजपा पूरे मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग करती है। अनुराग ने कहा है कि प्रदेश की बघेल सरकार में कोयला घोटाला, चावल घोटाला, शराब घोटाला, गोबर घोटाला, रेत घोटाला के साथ-साथ शिक्षा घोटाला का भी एक बड़ा मामला सामने आया है, जो कांग्रेस सरकार के भ्रष्ट चरित्र को उजागर करता है।

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