CHHATTISGARH PARIKRAMA

खदान प्रभावित 9 गांव के ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान

हैवी ब्लास्टिंग, मुआवजा, रोजगार, बसाहट, पानी सहित अन्य समस्याओं का कर रहे हैं सामना,ग्रामीण 15 वर्षों से जूझ रहे समस्या से, जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम सौंपा ज्ञापन

  • कोरबा/एसईसीएल खदान प्रभावित 9 गांव के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है। पिछले 15 वर्षों से समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में भागीदारी नहीं निभाने का निर्णय लिया है। गांवों में हैवी ब्लास्टिंग से समस्याएं निर्मित हो रही – है। पेयजल की समस्या गहराई हुई है। मुआवजा, रोजगार, बसाहट के प्रकरण भी लंबित हैं। समस्याग्रस्त ग्रामीणों ने इसकी न सूचना देते हुए कलेक्टर व जिला निर्वाचन 5 अधिकारी सहित पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा है।

एसईसीएल खदान प्रभावित ग्राम पाली, र पड़निया, सोनपुरी, जटराज (चंद्रनगर), क खैरभवना, रिसदी, खोडरी, चुरैल, अमगांव न के ग्रामीणों ने एकमत होते हुए लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का का निर्णय नि लिया है। सभी गांव के ग्रामीणों ने आपस में बैठक कर निर्णय लिया है कि गांवों की ज्वलंत । समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा ई है। ऐसे में वे मतदान नहीं करेंगे। सौंपे गए 5 ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि उक्त गांवों न के निकट खदान होने के कारण कई तरह विकराल समस्या का कर रहे सामना ग्रामीण दिलहरण लाल सारथी ने बताया कि खदान गांव के काफी नजदीक आ चुकी है। 11 मीटर दूर 300 से 400 होल में ब्लास्टिंग किए जाने से खदान का पत्थर घरों में गिरता है। मकानों में दरारें आ गई हैं। खदान के कारण भूजल स्तर नीचे चला गया है। कुआं और तालाब सूख ग गए हैं। बिजली नहीं होने पर पानी तक नहीं मिल पाता। ग्रामीणों की भूमि को वर्ष 2009-10 में अधिग्रहित किया गया था, लेकिन उस समय का मुआवजा वर्तमान दर के बजाए पुराना दिया जा रहा है। नौकरी की पालिसी से छोटे खातेदार रोजगार से वंचित हो रहे हैं। बसाहट भी नहीं दी गई है।

तीन ग्राम पंचायत के ग्रामीण लामबंद

जिन 9 गांव के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है वे तीन ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आते हैं। ग्राम पंचायत पाली, खोडरी व खैरभवना के ग्रामीण परेशान हैं। उनका कहना है कि यहां आबादी चार से पांच हजार है जो लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी नहीं लेकर लामबंद हैं। निभाएंगे। वे पूरी तरह से अपनी मांगों को से वे उक्त समस्याओं से जूझते आ रहे हैं। शासन प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के होने से वे क्षुब्ध हैं। इस कारण उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का एलान किया हैl

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button