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खाद्य सामग्री में मिलावट का खेल, जानें कौन से दुकान की कौन-सी खाद्य सामाग्री हुई जांच में फेल

कोरबा ll जिला कोरबा में खाद्य सामग्री में मिलावट का खेल चल रहा है। ऐसे व्यापारी पैसा कमाने के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। खाद्य विभाग द्वारा निरंतर सैंपलिंग नहीं करने के कारण यह कारोबार दिनोंदिन फलता-फूलता जा रहा है। अधिकारी आते हैं तो छोटे व्यापारी के यहां जाते हैं। शहर में माल से सैंपलिंग की कार्रवाई नहीं की जाती है।

क्षेत्र में खाद्य सामग्री में मिलावट का कारोबार फल-फूल रहा है। कुछ व्यापारी पैसा कमाने के लिए लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिले में पिछले वित्त सत्र में खाद्य विभाग और औषधि विभाग ने अलग-अलग दुकानों से विभिन्न खाद्य सामग्रियों का लगभाग 150 सैंपल लिए हैं इसमे से 110 सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी है इसमे से 12सैंपल ऐसे हैं जो जंच में फेल हो चुके हैं जबकी 40 सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।

आपको जानना चाहिए कि कौन सी वह दुकाने हैं जिनकी खाद सामग्री जांच में फेल हुई

खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी ने बताया कि भेजे गए सेंपल में से मां दुर्गा मिष्ठान भंडार कोसाबाड़ी का कलाकंद और कुंदा, हरियाणा स्वीट्स एंड जलेबी पावर हाउस रोड का पेड़ा और बूंदी, होटल ताराजी, आरपी नगर का चिकन बिरयानी, स्वाद रेस्टोरेंट, मेन रोड दर्री का बूंदी लड्डू, शारदा स्वीट्स, बुधवारी का पेड़ा, दीपक स्वीट्स मुड़ामार का कलाकंद, साहू किराना कोहड़िया का सूजी, ओम साईं अनाज भंडार शारदा विहार का आटा, धर्मेन्द्र किराना पोड़ी का पोहा, अमृत डेयरी एंड स्वीट्स हरदीबाजार कटघोरा का पनीर, रिलायंस रिटेल मॉल का आर्गेनिक बेसन, मोक्ष रेस्टोरेंट बायपास रोड राताखार का पनीर के सैंपल फेल हुए हैं।

वनस्पति घी में ऐसेंस डालकर देशी घी बनाने का कारोबार शहर में खूब चल रहा है। शहर के कुछ व्यापारी तो काम कर ही रहे हैं। बाहर से आकर कुछ लोग फेरी लगाकर गली-मोहल्लों व ग्रामीण क्षेत्रों में घी बेच रहे हैं। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कार्यालय में होने से सैंपलिंग की कार्रवाई दो-चार माह में एक बार की जाती है। अधिकारी कार्यालय से निकलने के पूर्व ही साठगांठ वाले व्यापारियों को सूचना कर देते हैं। शहर में सैंपलिंग के लिए आते हैं तो टारगेट पूरा करने के लिए छोटे व मध्यम व्यापारियों के यहां सैंपलिंग की कार्रवाई कर चले जाते हैं। शहर में माल हैं। वहां अधिकारियों द्वारा लगभग 1 वर्ष से भी अधिक समय से सैंपलिंग की कार्रवाई नहीं की है, जबकि अन्य दुकानों से ज्यादा माल से खाद्य सामग्री बिकती है। माल में कार्रवाई इसलिए नहीं करते हैं कि बड़े लोगों के प्रतिष्ठान हैं।

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