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गणपति धाम को विकसित करने एक एकड़ भूमि आबंटित करने की मांग

हाथीपखना को राम गमन पथ में शामिल करने गणपति स्थापना समिति ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

अंबिकापुर। बाल गंगाधर तिलक गणपति स्थापना समिति अंबिकापुर ने महामाया पहाड़ पर स्थित हाथी पखना को भगवान श्री राम गमन पथ में शामिल करने व इस स्थान पर भगवान गणपति की विशाल प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है। इस क्षेत्र को टूरिस्ट हब के रूप में विकसित करने का आग्रह किया गया है। पत्र में इस स्थल के आध्यात्मिक और पुरातात्विक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि पूर्व काल से प्रचलित है मां महामाया की नगरी अंबिकापुर के महामाया पहाड़ पर स्थित हाथी पखना में महावत हाथियों को बांधकर गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश के रूप में इनकी पूजा करते थे। यहां की मिट्टी को विभिन्न जगहों पर स्थापित होने वाले गणपति में उपयोग किया जाता था, जो वर्तमान में भी हो रहा हैं। यह क्षेत्र आदिकाल से धार्मिक एवं रमणिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता रहा है। इसका जीता जागता प्रमाण वहां स्थित एक प्राचीन शिवलिंग है। हाथी पखना को श्री राम गमन पथ में शामिल करने की मांग के पक्ष में पत्र में समिति ने उल्लेख किया है अयोध्या से निकलने के बाद वन विचरण करते हुए प्रभु श्री राम रामगढ़ की पहाड़ियों के बाद महामाया पहाड़ पर भी आए थे और हाथी पखना के जिस टीले पर भगवान गणेश की पूजा होती है, वहां प्रभु श्री राम बैठा करते थे। भगवान श्री राम के आराम करने के समय लक्ष्मण उस टीले पर बैठकर प्रभु श्री राम और माता सीता का जंगली जानवरों से बचाव हेतु पहरा किया करते थे। पत्र में हाथी पखना के धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के संबंध प्रकाश डालते हुए क्षेत्र को टूरिस्ट हब के रूप में विकसित करने और भगवान गणपति के धाम को विकसित करने इस स्थल पर समिति को एक एकड़ भूमि आबंटित करने की मांग की गई है।

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