गुरुजनों के सम्मान में जोबी महाविद्यालय गुंजायमान
जोबी, रायगढ़:– शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय जोबी–बर्रा में गुरुवार को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों ने एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया। विशेषता यह रही कि निमंत्रण, बैठक व्यवस्था, अतिथियों का स्वागत–सत्कार, गुरुओं का सम्मान, स्वल्पाहार और मंच संचालन से लेकर आभार व्यक्त करने तक की संपूर्ण गतिविधियों को स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं ने बखूबी निभाया, जिससे गुरुजनों का मन प्रफुल्लित हो उठा।
शुरुआत मां सरस्वती और आदरणीय डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के वंदन से हुई। तत्पश्चात, प्राचार्य श्री रविंद्र कुमार थवाईत ने शिक्षक दिवस के महत्व पर अपने उद्धरणों से विद्यार्थियों को प्रभावित किया। बढ़ते क्रम में मंच संचालक छात्र श्री धर्मेंद्र राठिया और उपस्थित ढेरों छात्र–छात्राओं ने वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक श्री सुरेंद्र पाल दर्शन और श्री वासुदेव प्रसाद पटेल को पूर्व नियोजित खेल श्रृंखला से जोड़ते हुए चॉइस बॉक्स में रखी टास्क पर्चियों के अनुसार कला एवं कौशल प्रदर्शन करने की फरमाइश की। श्री दर्शन ने शिक्षा के विषय पर स्व–रचित कविता का वाचन किया, जबकि श्री पटेल ने क्रीड़ा और संस्कृति पर शेरों-शायरी के माध्यम से बच्चों को नामी प्रदर्शन करने की दिशा में प्रेरित किया। वहीं, सहायक प्राध्यापक श्री योगेंद्र कुमार राठिया ने प्राप्त क्रीड़ा चुनौती में चुटकुले के जरिए अपने स्वयं के प्राथमिक गुरुजी की टिप्पणी स्मरण कर विद्यार्थियों को हिंदी, अंग्रेजी, छत्तीसगढ़ी बोलियों में गणित का समायोजन कर हंसते-हंसाते सिखाया कि अगर पढ़ाई में ध्यान नहीं दोगे और नटखट नादानी करोगे यानी ज्यादा तीन–पांच करोगे तो दो–चार फटकार पड़ेगी और नौ दो ग्यारह होना पड़ जाएगा। यह सुनते ही जोरदार तालियों को गड़गड़ाहट से माहौल गुंजायमान हो उठा।
अंतिम चरण में विद्यार्थियों द्वारा कलम, दवात, डायरी, किताबें, फूल-माला और गुलदस्तों से गुरुओं का सम्मान किया। इसके बाद सभी ने मिलकर जलपान ग्रहण किया और छात्रा कुमारी नेहा राठिया ने आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। गुरुजनों का चरण स्पर्श कर विद्यार्थी अपने-अपने घरों को विदा हुए।
उल्लेखनीय है कि इस दौरान पूर्व छात्र एवम छात्र संघ के पदाधिकारियों ने भी विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा कर अनुकरणीय मार्गदर्शन किया। साथ ही अतिथि व्याख्याता श्री राम नारायण जांगड़े एवम श्रीमती रेवती राठिया, शैक्षणिक स्टाफ सुश्री भूमिका देवांगन, मुख्य लिपिक श्री पीएल अनंत, प्रयोगशाला तकनीशियन श्री एलआर लास्कर, प्रयोगशाला सहायक श्रीमती रानू चंद्रा, कर्मचारी श्री महेश सिंह सिदार, श्री रोशन राठिया और श्री मोहन सारथी का योगदान उल्लेखनीय नहीं रहा।