गेट गायब, विद्यालय का हर कक्ष गंदा
जान हथेली पर रखकर बच्चे पढ़ाई करने को विवश
कोरबा ll जिले के कई विद्यालयों के भवन जर्जर हो चुके हैं। बारिश में छत से पानी टपकता रहता है। दीवारों में दरारें हैं, छत से टूटी पटिया लटक रही है। ऐसे में जान हथेली पर रखकर बच्चे पढ़ाई करने को विवश हैं। यह आलम तब है जब मिशन कायाकल्प के तहत स्कूलों को हाईटेक और मॉडर्न बनाने का दावा किया जा रहा है।जिले के कई सरकारी स्कूल वर्षों पुराने हैं। काई स्कूल भवन बनकर तैयार है मगर उन्हें हैंडओवर नहीं लिया गया है lरख-रखाव के अभाव में इन स्कूलों के भवन व छत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गए हैं। कई की चहारदीवारी भी गायब है। इससे इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे जान जोखिम में रखकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। कई स्कूलों में कमरों की दीवारों पर दरार पड़ गई है। कई में छत पर लगी सीलिंग टूटकर लटक रही है। कई के छत क्षतिग्रस्त हैं जिससे कमरों में बारिश का पानी टपकता है। बेसिक शिक्षा विभाग एक ओर स्कूलों के मिशन कायाकल्प में सुधार का दावा कर रहाहै तो वहीं जमीनी हकीकत कुछ और है।
नगर निगम वार्ड क्रमांक 61,शांति नगर कुसमुंडा स्थित प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। स्कूल के कमरों की हालत ख़राब हैं।
स्कूल की जर्जर छत से गिरते रहते हैं चपड़े ,जर्जर कमरे को कर दिया गया है बंद
छत्तीसगढ़ परिक्रमा न्यूज नेटवर्क की टीम ने प्राथमिक स्कूलो की पड़ताल की तो यहां गंदगी का शूल चुभता नजर आया। प्राथमिक विद्यालय शांति नगर कुसमुंडा में स्वच्छता की तस्वीर बेहद धुंधली मिली। नौनिहाल तो इससे अंजान ही है, लेकिन शिक्षक भी जागरूक नहीं। स्कूल के चारों तरफ गंदगी का राज कायम है। कमरों के सामने झाड़ी हैं। कूड़ा यहां-वहां बिखरा पड़ा है। गेट गायब विद्यालय का हर कक्ष गंदा पड़ा है। अध्यापक साफ-सफाई का दावा कर रहे हैं, लेकिन जो तस्वीर यहां देखने को मिली, वह तो गंदगी होने की गवाही देने भर के लिए काफी है। क्षतिग्रस्त बाथरूम और गलियारे इसकी तस्वीर पेश कर रहे हैं। शांति नगर कुसमुंडा के प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर कमरे बंद कर दिया गया है प्राथमिक विद्यालय में एक कमरे की दीवार पर दरार पड़ गई है। किसी अनहोनी की आशंका से बचने के लिए कमरे को बंद कर दिया गया है। अब इस कमरे मे बच्चे नहीं पढ़ते हैं। इस कमरे में पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे कमरे में पढ़ाया जा रहा है।