छत्तीसगढ़ चुनाव में बीजेपी ने हारे कैंडिडेट्स और पुराने चेहरों पर लगाया दांव,मजबूरी या रणनीति…
छत्तीसगढ़ में चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं. सूबे की 90 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में चुनाव होने हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा की 20 सीटों के लिए पहले चरण में 7 नवंबर और बाकी 70 सीटों के लिए दूसरे चरण में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. दिल्ली में 9 अक्टूबर को चुनाव आयोग की ओर से चुनाव की तारीखों के ऐलान के कुछ ही घंटों बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी.
बीजेपी की ओर से जारी दूसरी सूची में 64 उम्मीदवारों के नाम हैं. पार्टी ने तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर रमन सिंह को राजनांदगांव से उतारा है तो प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को लोरमी से टिकट दिया है. बीजेपी ने 21 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान पहले ही कर दिया था. अब 64 उम्मीदवारों की सूची के साथ ही बीजेपी प्रदेश की 90 में से 85 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है.
बीजेपी ने पांच सीटों पर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं और ये सीटें हैं- पंढरिया, बेमेतरा, कसडोल, बेलतरा और अंबिकापुर. बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में अपने सभी विधायको को फिर से मैदान में उतार दिया है. पार्टी ने रमन सिंह की सरकार में मंत्री रहे 17 नेताओं को भी टिकट दिया है. इनमें से ज्यादातर 2018 का चुनाव हार गए थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इलाके बस्तर रीजन की ही बात करें तो बीजेपी ने 12 में से चार सीटों पर उन चेहरों पर ही दांव लगाया है जिनको 2018 के चुनाव में शिकस्त झेलनी पड़ी थी. इनमें तीन पूर्व मंत्रियों केदार कश्यप, लता उसेंडी और महेश गागड़ा के नाम शामिल हैं.अब तो चुनाव के नातिजे ही बताएंगे कि बीजेपी की ये मजबूरी थी या रणनीति..