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छत्तीसगढ़ में अब विष्णु ‘राज’, गांव के पंच के तौर पर शुरू की राजनीति, अब प्रदेश के बने मुखिया

रायपुर: विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री बने गए हैं। साय ने बुधवार को बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। शपथ ग्रहण समारोह राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित किया गया। विष्णुसाय के साथ बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण साव और विधायक विजय शर्मा ने डेप्युटी सीएम पद की शपथ ली। अरुण साव और विजय शर्मा पहली बार विधायक बने हैं।

छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का नाम चौंकाने वाला रहा था। बुधवार को विष्णुदेव साय ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पद और गोपनीयता की शपथ ली। मुख्यमंत्री के साथ उनकी कैबिनेट के दो उप-मुख्यमंत्रियों विजय शर्मा और अरुण साव ने भी शपथ ली। 59 साल के विष्णुदेव साय ने 11वीं तक ही शिक्षा हासिल की है। साय ने 1989 से राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। बतौर पंच उन्होंने सियासी सफर शुरू किया था। इसके अगले साल निर्विरोध सरपंच बने। साल 1990 में ही विधायक चुने गए। विष्णुदेव साय कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। साय ने 25541 वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को हराया है।

कौन हैं विष्णुदेव साय?

छत्तीसगढ़ के नए सीएम विष्णुदेव का प्रदेश में बड़ा नाम है। वे आदिवासी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। विष्णुदेव साय चार बार सांसद, दो बार विधायक, केंद्रीय राज्य मंत्री और दो-दो बार के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके साथ ही साय को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव भी है। साल 2023 में विधानसभा चुनाव में उन्होंने कुनकुरी सीट से जीत हासिल भी की है। सियासी गलियारों में पहले से ही चर्चा थी कि विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं। क्योंकि विष्णुदेव साय साफ छवि के नेता के रूप में भी जाने जाते हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद भी वे पार्टी से लगातार जुड़े रहे।

विष्णुदेव साय का अब तक का राजनीतिक सफर

उन्होंने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत 1989 से की थी। साय ने राजनीति में गांव के पंच के रूप में कदम रखा था। संघ से जुड़े थे। भारतीय जनता पार्टी ने साल 1990 में उनके ऊपर भरोसा जताकर तपकरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक का टिकट दिया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार के सांसद भी चुने गए। साल 1999 से लेकर साल 2014 तक लगातार तीन बार सांसद रहे हैं। इसलिए विष्णुदेव साय को आदिवासी समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है। आदिवासी कोटे से आने के कारण विष्णुदेव साय सीएम पद के लिए प्रबल दावेदार भी थे।

11वीं पास हैं साय, ऐसा है परिवार

विष्णुदेव साय का जन्म छत्तीसगढ़ में जशपुर के बगिया गांव के किसान परिवार राम प्रसाद और जसमनी देवी के घर हुआ। 11वीं पास साय ने 1991 में कौशल्या देवी से शादी की और उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं। पहले दौर की बैठक के बाद पर्यवेक्षकों को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अपनी पसंद के रूप में साय के नाम की घोषणा करने का निर्देश दिया गया। पर्यवेक्षकों को विधायकों को यह सूचना देने के लिए भी कहा गया कि नेतृत्व ने पूर्व सीएम रमन सिंह को स्पीकर, साहू समाज से जुड़े अरुण साव और विजय शर्मा को डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया है। इसके बाद वन टू वन बैठक में विधायकों को इस फैसले की जानकारी दी गई थी।

1989 में बने थे पंच

साय ने 1989 में बतौर पंच सियासी सफर शुरू किया। अगले साल निर्विरोध सरपंच बने। साल 1990 में ही विधायक चुने गए। 1999 से 2019 तक लगातार चार बार रायगढ़ से लोकसभा चुनाव जीते। विधायक, सांसद, मंत्री बनने के बावजूद उन्होंने सरगुजा स्थित अपने गांव के अतिरिक्त कहीं घर नहीं बनाया।

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