जेल में बंद भाइयों की कलाई पर बहनें नही बांध पाएंगी राखी
रायपुर ll प्रदेश में इस बार भी रक्षाबंधन पर्व पर जिला जेल में बंद बंदी भाइयों की कलाई सूनी रहेगी। जेल मुख्यालय ने आइफ़्लू के निर्देशों का हलावा देकर जेल प्रबंधन ने इस बार भी जिला जेल में रक्षाबंधन पर्व नहीं मनाने का फैसला लिया है।
हर साल रक्षाबंधन के पर्व पर बंदी भाईयों के हाथों में बहने रेशम की डोरी बांधती है, इसके लिए बहनें रक्षासूत के साथ मिठाइयां लेकर जेल परिसर आते थे,और भाइयों से मुलाकात कर रक्षाबंधन का पर्व भव्यता के साथ मनाया जाता था। जेल में बंद अपने कैदी बंदियों के लिए बहने राखी की थाल सजा कर पहुंचती थी। जबकि लगातार तीसरे साल प्रदेश मे जिला जेल में यह पर्व खटाई में चला गया। जिसके चलते विभिन्न अपराध के सिलसिले में बंद बंदी इस बार भी कोरोना के बजाए आइफ़्लू के कहर से चलते अपने बहनों से राखी नही बंधवा पाएंगे। संक्रमण के चलते जेल में बंद कैदी- बंदी भाई बहन अटूट प्रेम रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पर बहनों से मिलने का मौका नहीं मिल सकेगा। जेल प्रशासन ने बतौर एहतियात यह निर्णय ली। ऐसे में जेल में बंद कैदी – बंदियों के लिए इस बार का रक्षाबंधन पर्व फीका साबित तो होगा तो दूसरी कलाई सुनी न हो इसके लिए जेल प्रबंधन ने बहनों को अपने बंदी भाई बहनों के लिए बंद लिफाफों में राखी भेजने की छूट दी है। बहरहाल राखी में छूट नही मिलने से इस वर्ष पुनः बन्दियों से लेकर उनके स्वजनों में मायूसी अभी से नजर आ रही है।
तीन साल से बंद है रक्षाबंधन पर्व मनाने की परंपरा
कोरोनाकॉल के बाद से पिछले तीन सालों से जेल में रक्षाबंधन मनाने की परंपरा को बंद कर दिया गया है। इस बार बहनों को उम्मीद थी कि तीन साल बाद वे अपने कैदी भाइयों की हाथों में राखी बांध सकेंगी और जेल मुख्यालय से लगी रोक को हटा दिया जाएगा। लेकिन, इस साल कोई आइफ़्लू संक्रमण के चलते जेल मुख्यालय ने जेल परिसर में रक्षाबंधन पर्व पर प्रतिबंध के आदेश को यथावत रखा है।
डाक, स्वयं आकर भेज सकती हैं राखियां, नारियल की है इजाजत
जेल पहुंचकर इस बार भी बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी नहीं बांध पाएगी। लेकिन, बहनें डाक के जरिए जरुर अपनी राखियां जेल तक पहुंचा सकती हैं। जिसे उनके भाइयों तक जेल प्रबंधन रक्षाबंधन में पहुंचा देगा। वहीं मिठाई व अन्य खाद्य सामग्री को स्वीकार नहीं किया जाएगा। लिफाफे पर बंदी का नाम, पता व भेजने वाले का पूरा विवरण लिखना होगा।जबकि नारिलय को दिया जा सकता हैं
प्रिजनर सिस्टम से होंगी अपनो से वर्तालाप
जेल प्रशासन द्वारा बंदियों को प्रिजनर कॉलिंग सिस्टम की सुविधा दी गई है। प्रिजनर कॉलिंग सिस्टम से बंदी जेल से अपने घर काल कर परिजन से बात कर सकते हैं। प्रत्येक बंदी के लिए फोन पर हफ्ते में पांच मिनट बात किए जाने की सुविधा प्रदान की जा रही है। कालिंग सिस्टम से जुड़ने के लिए बंदियो का बायोमेट्रिक कार्ड भी बनाया गया था जो राखी के दिन भी बहुउपयोगी साबित हुआ है।
जेल मुख्यालय से इस बार रक्षाबंधन पर्व पर बंदियों को उनकी बहनें राखी बांधने जेल नहीं आ सकेगीं। बहनों की भावनाओं का सम्मान करते हुए पिछले साल की तरह जेल में राखी भिजवाने की व्यवस्था की गई है। बहनें डॉक के माध्यम से अपने कैदी भाइयों का पता लिखकर राखी पोस्ट कर सकती हैं। इसके अलावा प्रिजनर सिस्टम से वार्तालाप की अनुमति होगी।