डी ए व्ही कोरबा में धूमधाम से मनाया गया प्रकाश का पर्व दिवाली और छठ महापर्व
कोरबा 28.10.2024- डी ए व्ही पब्लिक स्कूल एस ई सी एल कोरबा में प्रकाश का पर्व दिवाली और छठ महापर्व धूमधाम मनाया गया।कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती अनामिका भारती और उपस्थित विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं के द्वारा बाल रूप धरे मां महालक्ष्मी, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, माता सीता,रामभक्त हनुमान, धन और ऐश्वर्य के देवता कुबेर का तिलक तथा आरती के साथ पूजन वंदन किया गया।
इसके बाद नन्हें- मुन्ने बच्चों के द्वारा रंगारंग विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । जिसमें कक्षा तीसरी के बच्चों के द्वारा ‘बधाई हो दिवाली की बधाई ‘ और ‘आयो रे शुभ दिन आयो रे’ समूह नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति दी गई। जिसे देखकर सभी दर्शकों ने जमकर सराहना की । इसी कड़ी में चौथी कक्षा के बच्चों ने सुमधुर भजन ‘ज्योत से ज्योत जलाते चलो‘ और ‘महालक्ष्मी स्तुति नृत्य’ की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। जो कि अत्यंत मनोहारी प्रस्तुति थी। इसके पश्चात पांचवीं के बच्चों ने नृत्य गीत-संगीत पर आधारित नृत्य नाटिका ‘ग्रीन दिवाली,शुभ दिवाली’ की मनमोहक प्रस्तुति दी
इस अवसर पर मुख्य आकर्षण का केंद्र रही छठ महापर्व की गीत-संगीत के माध्यम से दी गई अनूठी प्रस्तुति । जिसे देखकर एक ओर जहां विद्यार्थियो को अपने देश की संस्कृति से जुड़ने और समझने का अवसर प्राप्त हुआ वहीं उपस्थित जनों ने दांतों तले उंगली दबा लिया। इसके पश्चात अपना उद्बोधन देते हुए विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती अनामिका भारती ने दिवाली और छठ महापर्व की अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु बच्चों का भरपूर उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की विज्ञान शिक्षिका श्रीमती नीतू सिंह ने छठ महापर्व के पौराणिक , सामाजिक एवं वैज्ञानिक महत्व को बताते हुए सभी संबंधितों के प्रति आभार व्यक्त किया । इस कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय की कक्षा छठवीं की छात्राएं वाणी कर्ष और आद्या सोनी ने किया।
देर तक चले इस गरिमामयी कार्यक्रम का सफल आयोजन विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती अनामिका भारती के मार्गदर्शन, और विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती पिंकी कौर के नेतृत्व में एवं कक्षा तीसरी , चौथी तथा पांचवीं के कक्षा शिक्षकों सहित संगीत शिक्षक श्री घनश्याम तिवारी प्रस्तुति संयोजन में विद्यालय परिवार के समस्त शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक सदस्यों के अमूल्य योगदान से संपन्न हुआ।