पहली बारिश नहीं झेल पाया 45 लाख का पुल, खुली डे्रेनेज सिस्टम की पोल
उपमुख्यमंत्री के बंगले में घुसा बारिश का पानी, शहर वासी भी दिन-रात घरों के अंदर तक घुस रहे पानी निकाल रहे
*शहर की गलियों तक सड़क हो रही जलमग्न, जलभराव को लेकर दिए गए दिशानिर्देश फेल*
अंबिकापुर। सरगुजा संभाग में अगस्त महीने के पहले दिन से ही झमाझम बारिश हो रही है, इससे किसानों के चेहरे प्रफुल्लित हैं, वहीं लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। शह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कहा जाए तो सूखा व पेयजल के लिए चिंतित नगर वासी झमाझम हुई बारिश से खुश तो हैं लेकिन नगर निगम के फेल ड्रेनेज सिस्टम को लेकर नाखुश हैं। शहर के गली-मोहल्ले व मुख्य सड़कों पर पानी की निकासी सही नहीं होने से तालाब की स्थिति निर्मित हो गई है। शहर के निचले इलाकों के घरों में पानी घुस जाने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है, इससे उपमुख्यमंत्री का निवास भी अछूता नहीं है। बारिश ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी कई निर्माण कार्यों की पोल खोलकर रख दी है। शहर के सत्तीपारा स्थित नेहरू वार्ड क्रमांक 24 में नगर निगम द्वारा बनवाए गए 45 लाख का नाला 45 दिन भी नहीं चला और बारिश में पूरी तरह बह गया। बारिश में नाला बहने के बाद बुधवार को वार्ड के पूर्व पार्षद बबन सोनी वार्डवासियों के साथ धरना पर बैठ गए। इस दौरान नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। नगर निगम द्वारा 45 लाख की लागत से पानी निकासी के लिए नाले का निर्माण कराया गया था। कहना था कि नाले का निर्माण हुए 45 दिन भी नहीं हुए हैं जो इस सीजन की पहली बारिश में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। बारिश के पानी से लगभग 50 मीटर नाला पूरी तरह बह गया है। वार्ड के पूर्व पार्षद बबन सोनी ने बताया कि नाले का निर्माण ठेकेदार प्रकाश राय के द्वारा कराया गया था। नाले की दीवार से लगे हुए कई विद्युत खंभे भी हैं, जो गिरने के कगार पर हैं, इससे जानमाल का नुकसान होने का भय बना हुआ है। नाले में शहर के गांधी चौक, कोर्ट परिसर सहित अन्य क्षेत्रों के नाली का पानी निकलता है। वार्ड के पूर्व पार्षद बबन सोनी का कहना है कि निर्माण कार्य में ठेकेदार व नगर निगम के संबंधित अधिकारी मानक को नजरअंदाज कर दिए। नाले की दीवार में रॉड का इस्तेमाल नहीं किया गया है। रेत व नाम मात्र का सीमेंट उपयोग कर नाले का निर्माण कराया गया, इस कारण एक बारिश भी नहीं झेल सका।
*वार्डवासियों ने सड़क जाम किया*
बारिश में नाला बह जाने से आक्रोशित वार्डवासी नेहरू वार्ड के पूर्व पार्षद बबन सोनी के साथ सड़क जाम कर धरना-प्रदर्शन किए। वार्डवासियों का कहना है कि जब तक नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को निलंबित नहीं किया जाएगा, तब तक विरोध जारी रहेगा। बता दें कि जून-जुलाई के महीनेे में औसतन से काफी कम बारिश होने से सूखे की स्थिति निर्मित हो गई थी। जुलाई महीने में बांकी डेम में पानी कम होने से शहर में पानी सप्लाई प्रभावित हुई, खेती-किसानी पर भी असर दिखना शुरू हो गया था। बारिश नहीं होने से सरगुजा में औसत से कम धान की रोपाई हो पाई थी। किसान बारिश का इंतजार कर रहे थे।
*अगस्त की पहली से झमाझम बारिश*
अगस्त माह के पहले दिन से ही सरगुजा संभाग में झमाझम बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है, वहीं शहर के लोग की मुश्किल बढ़ गई है। शहर के कई इलाकों के घरों में पानी घुसने से लोग परेशान हैं। मंगलवार की रात से लगातार रूक-रूक कर हो रही झमाझम बारिश ने नगर निगम व जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। शहर के कई इलाके में जलमग्न की स्थिति बन गई। 15 दिन पूर्व शहर में जलभराव को लेकर जिला प्रशासन ने जरूरी निर्देश दिए थे, पर सारी बातें खोखली साबित हुई। शहर के नावापारा, मायापुर, चांदनी चौक, घुटरापारा, खैरबार, शिकारी रोड, नमनाकला, नवागढ़, गांधी चौक से लगे व्हीआईपी कॉलोनी के मार्ग सहित अन्य जगहों पर जलजमाव का नजारा देखने को मिल रहा है। इधर मंगलवार की रात्रि से सुबह तक लगातार बारिश के कारण अंबिकापुर-झारखंड मार्ग पर स्थित राजपुर के पास ओकरा के गेउर नदी के ऊपर करीब तीन फिट पानी उफान मारते रहा, जिस कारण आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया। बुधवार की सुबह करीब 6.11 बजे तक ओकरा नदी के ऊपर पानी का बहाव होने से यह स्थिति बनी। ओकरा, पतरापारा, अमदरी, कोरगी, खुमरी, डीगगनर आदि का संपर्क पांच घंटे बाधित रहा। ओकरा नदी उफान में आने के कारण स्कूल जाने वाले विद्यार्थी, शिक्षक, ग्रामीण फंसे रहे।
*घुनघुट्टा डेम में भरा 87 प्रतिशत पानी, खोले गए चार गेट*
60 गांवों तक सिंचाई हेतु नहरों के माध्यम से पहुंच रहा पानी
सरगुजा जिले में अच्छी बारिश की शुरुआत हो गई है। जिले के सभी तहसीलों में 24 घंटे के दौरान 31 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि जिले में वर्तमान में लगातार हो रही अच्छी वर्षा से घुनघुट्टा बांध भर गया है। बांध में वर्तमान में 54.45 मिलीयन घन मीटर पानी भरा है, जो कि कुल जलभराव क्षमता 62.05 मिलियन घन मीटर का 87.76 प्रतिशत है। उन्होंने बताया बांध में 581.00 मीटर लेवल तक पानी भरा जा सकता है, जो वर्तमान में 580.70 मीटर तक पहुंच गया है। इसे देखते हुए बांध के 08 गेट में से 04 गेट खोले गए हैं, जिसके माध्यम से 200 क्युमेक पानी नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बांध के दो नहरों के माध्यम से 60 गांवों के लोग सिंचाई का लाभ ले रहे हैं, बुधवार को दांई तट नहर से 38 गांवों के लोगों तक 3.60 क्युमेक तथा बांयी तट नहर से 22 गांवों के लोगों तक 01 क्युमेक पानी सिंचाई हेतु पहुंचाया गया है। बता दें कि बारिश नहीं होने की स्थिति में शहर की जल सप्लाई बाधित होने की स्थिति बन गई थी। ऐन मौके पर हुई झमाझम बारिश ने सारे संभावनाओं और लग रही तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है।
*कलेक्टर-एसपी ने देखा शहर के विभिन्न इलाकों में जलजमाव को*
बारिश के बीच शहरी व्यवस्था का निरीक्षण करने कलेक्टर कुन्दन कुमार एवं एसपी सुनील शर्मा एक साथ निकले। अंबिकापुर शहर के सत्तीपारा में कैलाश मोड़ के पास नाला उफान पर होने की सूचना मिलते ही कलेक्टर ने स्वयं पहुंचकर वस्तुस्थिति का मुआयना किया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को जल्द से जल्द सुरक्षा के इंतजाम करने तथा आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने नगर निगम अम्बिकापुर क्षेत्र के अन्य स्थानों का भी अवलोकन किया। रिलायंस पेट्रोल पंप के पास मार्ग में जलजमाव की स्थिति को देखते हुए यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने और पानी निकासी की व्यवस्था सुदृढ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारी, ऐसे क्षेत्रों का अवलोकन कर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें। इस दौरान नगर निगम आयुक्त अभिषेक कुमार, अपर कलेक्टर एएल ध्रुव, एसडीएम पूजा बंसल मौजूद रहे।
*जिले में 24 घंटे के दौरान 31 मिमी वर्षा*
भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के सभी तहसीलों में 24 घंटे के दौरान 31 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। इस दौरान सर्वाधिक 56.8 मिमी औसत वर्षा लुण्ड्रा तहसील में दर्ज की गई है। इसे मिलाकर पूरे जिले में जून से अब तक 222.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। एक जून से दो अगस्त 2023 तक तहसील अंबिकापुर में 237 मिमी, तहसील दरिमा में 160.8 मिमी, तहसील लुण्ड्रा में 189.9 मिमी, तहसील सीतापुर में 308.1 मिमी, तहसील लखनपुर में 273.2 मिमी, तहसील उदयपुर में 191.5 मिमी, तहसील बतौली में 190.2 मिमी एवं तहसील मैनपाट में 228 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज गई है।