पापांकुशा एकादशी व्रत 25 अक्टूबर को
पापंकुशा एकादशी व्रत कथा
अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं। पापांकुशा एकादशी व्रत दिनाँक 25 अक्टूबर 2023 बुधवार को है। अपने नाम के स्वरूपानुसार पापांकुशा एकादशी के प्रताप से व्यक्ति के समस्त पाप मिट जाते हैं।
अश्विन शुक्ल एकादशी तिथि प्रारंभ – 24 अक्टूबर 2023, दोपहर 03.14
अश्विन शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त – 25 अक्टूबर 2023, दोपहर 12.32
पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण -26 अक्टूबर 2023, प्रात: 06.28 – सुबह 08.43
पापंकुशा एकादशी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार विंध्याचल पर्वत पर क्रोधन नामक एक बहेलिया रहता था। वह बड़ा क्रूर और हिंसक था। उसका सारा जीवन हिंसा, लूटपाट, मद्यपान और गलत संगति में ही बीता था। एकदिन अचानक उसे जंगल में तपस्या करते हुए अंगिरा ऋषि से मिला। उसने अंगिर ऋषि से कहा मेरा कर्म बहेलिया का है इस कारण मुझे न जानें कितने ही निरीह पशु-पक्षियों मारना पड़ा है।मैनें जीवन भर पाप कर्म ही किए हैं, इसलिए मुझे नर्क ही जाना पड़ेगा। कृपा कर मुझे कोई ऐसा उपाय बताएं, जिससे मेरे सारे पाप मिट जाएं और मोक्ष की प्राप्ति हो। उसके निवेदन पर महर्षि अंगिरा ने उसे आश्विन शुक्ल की पापांकुशा एकादशी का विधि पूर्वक व्रत करके को कहा।महर्षि अंगिरा के कहे अनुसार उस बहेलिए ने पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है। बहेलिए ने विधि पूर्वक इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया और व्रत रखा। भगवान विष्णु की कृपा से बहेलिया को सारे पापों से छुटकारा मिल गया। मृत्यु के बाद जब यमदूत बहेलिए को यमलोक लेने के लिए आया तो वो चमत्कार देख कर हैरान हो गया। पापांकुशा एकादशी के प्रताप के कारण बहेलिए के सभी पाप मिट चुके थे। यमदूत को खाली हाथ यमलोक जाना पड़ा। बहेलिया भगवान विष्णु की कृपा से बैकुंठ लोक गया।