प्रधानमंत्री आवास योजना में चल रहा धांधली का खेल
शिक़ायत: प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में सरपंच, रोजगार सहायक और आवास मित्र के नाम
कोरबा ll आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को घर दिलाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत हुई थी. केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2015 में की थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य साल 2022 तक हर व्यक्ति को अपना घर उपलब्ध करवाना है.जिसे बढ़ा कर 2024 तक कर दिया गया हैl प्रधानमंत्री आवास योजना में वह हर व्यक्ति शामिल है जो झुग्गी झोपड़ी अथवा कच्चे मकानों में रहते हैं. आवास योजना के तहत सरकार बेघर लोगों को घर बनाकर देती है. साथ ही लोन, घर या फ्लैट खरीदने वाले लोगों को लिए सरकार द्वारा सब्सिडी भी मिलती है.
मगर यहाँ एक मामला प्रकाश में आया है जहाँ पीएम आवास योजना (ग्रामीण) में अपात्रों के चयन से पात्र योजना के लाभ से वंचित हैं। तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर अपात्रों को लाभ दिया जा रहा है। पक्का मकान और कार होने के बावजूद कोरबा जिले के पोडी उपरोड़ा के बाशिंदे का प्रधानमंत्री आवास प्लस पात्र हितग्राहियों की सूची में नाम पाया गया है। आवास प्लस सूचि में नाम रहने पर प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाता है। ग्रामवासियो की समीक्षा में यह तथ्य सामने आया है। ग्रामवासी ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से जाच की शिकायत की है शिक़ायत पत्र में बताया गया है कि सरपंच रोजगार सहायक और आवास मित्र के नाम क्यों है
सुत्रों की माने तो अमिता राज (सरपंच), बसंता बाई, राजकुमार, किरण तवर, विजय बहादुर, रोजगार सहायक सतीश कुमार, गिरवर सिंह, मान कुमार, पंच सरोज महंत, चंद्रमती नामक ये शख्स कोरबा जिले के तेहट्ट पोडी उपरोडा ब्लाक के कोनकोना ग्राम पंचायत के रहने वाले हैl जिन्हे सम्पन्न बताया जा रहा हैl
शिकायत करने वालों में मुख्य रूप से शंकर लाल गोड़, नारायण सिंह तवर, शिशुपाल सिंह कवर आदी हैl