फेफड़े में होने वाला टीबी खतरनाक, कमजोर इम्यूनिटी वालों को रहना चाहिए सजग
उदयपुर ब्लॉक के सलका विद्यालय में बच्चों में टीबी बीमारी के प्रति लाई गई जागरूकता
अंबिकापुर। उदयपुर विकासखंड के सलका एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पिरामल फाउंडेशन सरगुजा द्वारा टीबी जागरुकता कार्यक्रम के तहत जिला क्षय अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता के मार्गदर्शन में जिला कार्यक्रम समन्वयक सरस्वती विश्वकर्मा ने क्षय रोग के बारे में जानकारी दी, इस दौरान प्राचार्य, शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति रही। बच्चों को ट्यूबरक्लोसिस, माइकोबैक्टीरियम बैक्टीरिया व टीबी के प्रकार की जानकारी दी गई। बताया गया कि टीबी एक गंभीर संक्रामक व बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है और जानलेवा हो सकती है। बीमारी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकते समय हवा के माध्यम से फैलती है। छींकते समय मुंह से निकलने वाली छोटी-छोटी बूंदों से, मुंह के लार से या जूठा खाने-पीने से होती है। इसके लक्षण लगातार खांसी आना, वजन कम होना, रात को पसीना आना, खंखार के साथ खून और बुखार आना, छाती दर्द है। ऐसे लक्षण वाले मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाने की सलाह दी गई। यह बताया गया कि बीमारी शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है। फेफड़ों में होने वाला टीबी सबसे खतरनाक होता है, यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह बीमारी ऐसे व्यक्तियों को होता है जो पहले से बड़ी बीमारी से ग्रसित होते हंै, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसके अलावा निक्षय पोषण योजना के तहत दी जाने वाली राशि की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के अंतिम चरण में प्राचार्य सहित शिक्षकों और बच्चों को टीबी मुक्त भारत बनाने में योगदान देने के लिए शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी शिक्षकों व देवेंद्र कुमार ठाकुर का सराहनीय योगदान रहा।