बाबा गुरू घासीदास ने सम्पूर्ण मानव जीवन को मनखे-मनखे एक समान का प्रेरक संदेश दिया-यू. आर. महिलांगे
कोरबा:- बाबा गुरू घासीदास ने सम्पूर्ण मानव जीवन को मनखे-मनखे एक समान का प्रेरक संदेश दिया। बाबाजी ने मानवीय गुणों के विकास का रास्ता दिखाया और नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की। उक्त कथन सतनाम समाज कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष एवं जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री यू. आर. महिलांगे ने जिला कांग्रेस कार्यालय टी पी नगर कोरबा में आयोजित गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम के अवसर पर व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि गुरु घासीदास ने अपने उपदेशों के माध्यम से दुनिया को सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भावना की मार्ग दिखाया, उनका जीवन दर्शन और विचार मूल्य आज भी प्रासंगिक और समस्त मानव जाति के लिए अनुकरणीय है।
जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अवधेश सिंह ठाकुर ने बताया कि 18 दिसम्बर 1756 में कसडोल ब्लॉक के छोटे से गांव गिरोधपुरी में बाबा गुरू घासीदास का जन्म हुआ था, तब भारत में छुआछुत और भेदभाव चरम पर था। बाबा गुरू घासीदास अपने बालपन से ही इन भेदभाव को देख रहे थे। उनके मन में बहुत पीड़ा होती थी। तब उन्होने समाज में छुआछुत के भेदभाव को मिटाने के लिए मनखे-मनखे एक सामान का संदेश दिया। जिसका समाज में कारगार प्रभाव पड़ा।
जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री लक्ष्मीनारायण देवांगन ने बताया कि बाबा गुरु घासीदास को सतनाम समाज का जनक कहा जाता है। बाबा के उपदेशों व संदेशों को जिन्होने आत्मसात कर जीवन में उतारा उसी समाज को आगे चलकर सतनाम समाज के रूप में जाना जाने लगा।
इस मौके पर उपस्थित पूर्व पार्षद महेन्द्र सिंह चौहान, अविनाश बंजारे, डॉ. गोपाल कुर्रे, जिला कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी नारायण कुर्रे, रवि खुटे, ए डी जोशी, पुष्पा पात्रे, नारायण अग्रवाल, अमरूदास महंत, जीवन चौहान, त्रिवेणी मिरी, सीमा कुर्रे, छत्रपाल कुर्रे, गणेश राम खुंटे, दीपक टंडन, रामानंद भास्कर, अरूण कुर्रे, मनोज मधुकर, प्रदीप गवास्कर, दिनेश खुटे, ईश्वर चेस्कर, छनी लहरे, रामायण दिवान, सुरेश कुमार अग्रवाल आदि ने बाबा गुरु घासीदास जी के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर बाबा गुरु घासीदास जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्हें नमन किया।