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ये लिजिये आ गया बच्चों का घोषणा पत्र, चुनाव से पहले यूनिसेफ समर्थित छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा तैयार किया बच्चों का घोषणा पत्र

अब राजनैतिक दलों के घोषणा पत्र में शामिल कराने होगा प्रयास

रायपुर/यूनिसेफ छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला द्वारा बच्चों के अधिकारों के प्रति आमजनों को जागरूक करने लगातार स्कूलों में ग्रामीण क्षेत्रों में कई कार्यक्रम किये जा रहे हैं। राजनैतिक स्तर पर भी बच्चों के मुद्दों को प्राथमिकता मिले, इसे लेकर छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला द्वारा छत्तीसगढ़ की समाजिक संस्थाओं को साथ लेकर स्कूलों एवं गांवों में बालसभा का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 500 से अधिक बाल सभा का आयोजन स्कूलों में किया गया, जिसमें 25,000 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया। बच्चों ने विभिन्न विषयों पर अपनी बातें रखीं, गांवों की समस्या, बच्चों से संबंधित मुद्दे, बच्चों के अधिकार एवं अन्य विषयों को लेकर बच्चों से चर्चा की गई। बच्चों के बीच से निकले मुद्दों को लेकर यूनिसेफ छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला द्वारा सामाजिक संस्थाओं के साथ बच्चों का घोषणा पत्र बनाया है। जिसे 6 सितम्बर को रायपुर में सामाजिक संस्थाओं के लिये आयोजित बैठक में यूनिसेफ प्रमुख जॉब जकारिया ने घोषणा पत्र जारी किया। इस एक अनूठी पहल में छत्तीसगढ़ के बच्चों के बीच से आये 20 बिंदुओं के साथ ‘बाल घोषणा-पत्र’ तैयार किया है। इस घोषणा पत्र के तहत, बच्चों ने अपनी प्रमुख मांगों में, सभी ग्राम पंचायतों में गुणवत्तापूर्ण स्कूल, खेल के मैदान और पुस्तकालय खोलने को प्राथमिकता देने की माँग की है। उन्होंने अपनी मांगों में यह भी कहा था कि स्कूलों में जरूरत के हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति हो और सभी गांवों में गुणवत्ता युक्त अच्छी शिक्षा वाली आत्मानंद के तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुले। बच्चों का यह घोषणा पत्र, राज्य के विभिन्न जिलों में 500 से अधिक बाल सभाओं और 100 महिला सभाओं के आयोजन के माध्यम से, तकरीबन 25,000 से अधिक बच्चों से विचार-विमर्श और परामर्श करने के बाद तैयार किया गया है।

बाल घोषणा पत्र, छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला (सीसीआरओ) के समन्वय से तैयार किया गया, जो यूनिसेफ के द्वारा समर्थित है, जिसके अंतर्गत राज्य में बाल अधिकारों को बढ़ावा देने और निगरानी के लिए, कार्य करने वाले 100 से अधिक नागरिक सामाजिक संगठन शामिल हैं। यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकरिया ने कहा कि, बच्चों को प्रभावित करने वाले मामलों पर उनके विचारों और सुझावों को सुना जाना चाहिए, ‘बच्चों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुसार बच्चों को अपने जीवन से संबंधित मामलों में राय व्यक्त करने और कहने का अधिकार है। बच्चों को विकास के एजेंडे सरकार के नीतिगत फैसलों के केंद्र में होना चाहिए। इसी तारतम्य में, उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि, वे आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी के घोषणा पत्र में बच्चों के एजेंडे को शामिल करें।

मनोज भारती, राज्य सचिव सीसीआरओ ने कहा कि ‘बाल घोषणापत्र’ तैयार करना एक बहुत बड़ी कवायद है, जिसमें हजारों बच्चों और माताओं ने भाग लिया। गौतम बंदोपाध्याय, सचिव, सीसीआरओ मध्य क्षेत्र, ने कहा कि, यह घोषणा पत्र छत्तीसगढ़ के बच्चों की आवाज को दर्शाता है और इसे पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल किया जाना चाहिए। मंगल पाण्डेय, सचिव, सीसीआरओ उत्तर क्षेत्र, ने कहा कि हमें सभी दलों के प्रमुख, पार्टी के प्रत्याशियों से मुलाकात कर तैयार बच्चों के घोषणा पत्र को सौंपना है और यह प्रयास करना है कि इसके बिन्दू राजनैतिक दलों के घोषणा पत्र में शामिल हो सके।

बाल पारितोष दास, यूनिसेफ विशेषज्ञ ने घोषणा पत्र तैयार करने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, बाल घोषणा पत्र भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और जोगी कांग्रेस सहित राज्य के सभी राजनीतिक दलों को प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि बच्चों के मुद्दे भी राजनैतिक घोषणा पत्र में शामिल हो सके। रायपुर में एक विशेष कार्यक्रम में, बाल घोषणापत्र जारी किया गया, जिसमें प्रमुख रूप से बाल पारितोष दास, यूनिसेफ विशेषज्ञ और विभिन्न जिलो से आये 50 से अधिक सीसीआरओ सदस्यों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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