2 बजे सीएम बघेल, डिप्टी सीएम सिंहदेव सहित कई दिग्गज पहुचेंगे सीतापुर, आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में होंगे शामिल
भूपेश सरकार आदिवासियों की संस्कृति, धरोहर को सहेजने कर रही प्रयास-अमरजीत
*विश्व आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश, कांग्रेस प्रभारी शैलजा,प्रदेश अध्यक्ष दीपक, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह सहित कई दिग्गज होंगे शामिल*
अंबिकापुर। सीतापुर स्टेडियम ग्राउंड में बुधवार को आयोजित होने वाला विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम आदिवासियों की संस्कृति, परंपराओं को संरक्षित, विकसित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस दिवस को शासकीय आयोजन में शामिल कर अवकाश घोषित किया और त्योहार मनाने का अवसर दिया, जो पूर्ववती सरकार नहीं कर पाई। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार आदिवासियों की परंपरा, सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने, संवारने का काम कर रही है। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस की प्रभारी कुमारी शैलजा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव, विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, सप्तगिरि उल्का सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे। उक्त बातें शहर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आदिवासियों को विकास के रास्ते पर लाने एवं संवैधानिक अधिकार दिलाने बड़े पैमाने पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के दिन अवकाश बिना बोले घोषित कर दिया। आदिवासियों को उनका संवैधानिक अधिकार मिले इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए, लेकिन भाजपाइयों एवं राज्यपाल के द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए जाने से 32 प्रतिशत आरक्षण का बिल अभी तक अटका है। उन्होंने कहा भाजपा आदिवासी विरोधी है, इनकी सोच कभी आदिवासियों के हित में नहीं हो सकती, इसलिए राज्यपाल से बिल पास नहीं होने दे रही है। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विधायक विष्णु देव साय को गत वर्ष 9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस के दिन हटाकर आदिवासियों की बेइज्जती की गई थी। प्रदेश की भूपेश सरकार ने सरगुजा व बस्तर में आदिवासियों की मांग पर पेशा कानून लागू कर उनकी मांग को पूरा किया। वनांचल क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी समुदाय के आर्थिक तरक्की के लिए 67 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी कर आदिवासियों को सशक्त बनाया। इनके संग्रहण एवं विपणन के लिए सरकार ने 1000 करोड़ से ज्यादा का प्रावधान रखा है। पूर्ववर्ती रमन सरकार ने महुआ का पेड़ काटने का आदेश दिया, हमने इसे आर्थिक समृद्धि का साधन बनाया, जिस कारण आज सरगुजा और बस्तर का महुआ विदेश में 100 रुपये किलो से अधिक दर पर बिक रहा है। उन्होंने बताया विश्व आदिवासी दिवस पर सीतापुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री समाज के विभिन्न प्रतिनिधियों से मुलाकात व कई बड़ी घोषणाएं करेंगे, जो आदिवासियों के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा सरकार ने विशेष जनजाति कोरवा, पंडो को सीधी भर्ती के माध्यम से विकास की मुख्यधारा में जोड़ा है। कुछ जनजातियों के मात्रात्मक त्रुटि में सुधार करवा कर उन्हें लाभ दिलाने की पहल की है। मुख्यमंत्री सम्मान निधि का 10 हजार रुपये प्रत्येक ग्राम पंचायत के खाते में ट्रांसफर करवा विकास का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्यामलाल जायसवाल, आदित्य भगत, पार्षद दीपक मिश्रा, लालचंद यादव, परवेज आलम गांधी, विक्रम जैन सहित अन्य मौजूद थे।
*प्रेसवार्ता कर चुनाव लड़ने की दावेदारी अनुचित*
बीते मंगलवार को अंबिकापुर में प्रेसवार्ता आयोजित कर सीतापुर जनपद अध्यक्ष शांति देवी द्वारा सीतापुर विधानसभा से की गई दावेदारी व 20 वर्ष का कार्यकाल होने के बाद बाहरी प्रत्याशी का लगाए गए आरोप के प्रश्न पर मंत्री अमरजीत भगत ने कहा लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है। पार्टी से टिकट की मांग अनुशासन में रहकर करें। प्रेसवार्ता कर दावेदारी जताना उचित नहीं है। उन्होंने कहा बात बाहरी प्रत्याशी की तो देश-प्रदेश के कई लोकसभा, विधानसभा सीट ऐसे हैं जहां बड़े-बड़े मंत्री नेता चुनाव लड़ते और जीतते हैं, तो क्या उन्हें वहां से नहीं लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री हैं गुजरात के वे बनारस से चुनाव लड़ते हैं, मुंबई की स्मृति इरानी अमेठी से चुनाव लड़ती हैं, ऐसे में इन्हें भी अन्य शहरों से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। उन्होंने जनपद अध्यक्ष सीतापुर को चुनाव में दावेदारी के लिए साधुवाद दिया और कहा मेरे मित्र, शुभचिंतक मेरी क्षमता को बढ़ाते हैं।
*भगवान भाजपाइयों को सद्बुद्धि दे*
15 अगस्त को भाजपा के द्वारा गोठानों में गाय को नहीं बांधने एवं डंडा लेकर उनके प्रदर्शन करने के सवाल पर श्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गौ माता के लिए गोठानों के माध्यम से अच्छी योजनाएं लाई है, यह भाजपा पचा नहीं पा रही है। भाजपा सरकार के गौशाला में कई गाय मर गईं, संचालक का तोंद निकल गया, इसे वे भूल गए। भूपेश सरकार ने गौ माता का सम्मान करते हुए उनके लिए सुरक्षित स्थान गौठान दिया है, भगवान भाजपाइयों को सद्बुद्धि दे। छत्तीसगढ़ में और मां महामाया की नगरी में डंडाधारियों और बुलडोजर वालों के लिए स्थान नहीं है। उन्होंने कहा गौवंश के लिए गौठान का विरोध संस्कृति का विरोध है।