पीजी कॉलेज के फत्तेगंज एनएसएस शिविर में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन
कोरबा। अटल बिहारी वाजपेयी विश्विद्यालय बिलासपुर से सम्बद्ध राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार शासकीय इंजीनियर विश्वेसरैया स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोरबा द्वारा प्राचार्य डॉ.साधना खरे के मार्गदर्शन एवं संरक्षण में ग्राम फत्तेगंज में सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिवस विभिन्न जागरूकता गतिविधियों का आयोजन कर स्वयंसेवकों का व्यक्तित्व विकास के लिए प्रयास किया गया।
कार्यक्रम की शुरआत युगपुरुष स्वामी विवेकानंद के तैलचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया। शुरुआत में पीटी, ड्रिल, कदमताल, मेडिटेशन, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के योगा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ग्रुप लीडर स्वयंसेवकों द्वारा योग, प्राणायाम का अभ्यास कराया गया। परियोजना कार्य में हाई स्कूल के परिसर की सफाई, तालाब के पचरी की साफ सफाई, फत्तेगंज मार्केट की सफाई, स्कूल की बाउंड्री का नवनिर्माण कार्य किया। शिविर के उक्त दिवस स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सामुदायिक स्वास्थ्य करतला के द्वारा डॉ.शिवकुमार मांझी चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केराकछार, डॉ.कृष्णा साहू चिकिस्ता अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकनीपाली द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाकर शिविरार्थियों, ग्रामीण जनों का हिमोग्लोबिन, रक्त जांच, सिकलिंग, टीएलसी, डीएलसी, ईएसआर इत्यादि की जांच कर लोगों को नशा के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने स्वस्थ रहने के तरीके, आयरन रिच फूड्स खाने और शारीरिक श्रम की महत्ता बतायी। बौद्धिक सत्र में डॉ.संदीप शुक्ला, सुशील कुमार गुप्ता, रमेश कुमार मौर्य, श्याम सुंदर तिवारी, शुभम ढोरिया सभी अतिथियों ने कहा कि नशे के आदी व्यक्ति को समाज में हेय की दृष्टि से देखा जाता है । नशे करने वाला व्यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरुप हो जाता है, उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिया उपादेयता शून्य हो जाती है । वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है। बौद्धिक सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.बी.एल.साय ने किया। इसी क्रम में एनएसएस के स्थानीय खेल रुमाल झपट्टा, साथी खोजो, लीडर ढूंढो, कितने भाई कितने आप बोलो जितने खेल का अभ्यास कार्यक्रम अधिकारी अजय कुमार पटेल द्वारा कराया गया। सांस्कृतिक संध्या बेला में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, स्थानीय भाषा, बोली, परंपरा से ओतप्रोत सुआ, ददरिया, कर्मा, पंडवानी, जसगीत, नशा निवारण के लिए छत्तीगढ़ी में प्रहसन कर जागरूकता प्रस्तुत किये। संध्या बेला स्वयंसेवकों द्वारा अलग-अलग टीन बनाकर सर्वे भी किया गया जिसमें पोषण, सिकल सेल, नशापान का सर्वे कराया गया। छात्रों ने भी अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्राम सरपंच श्रीमती शरण कुंवर राठिया, उपसरपंच दिलेश्वर यादव, शिक्षकवृन्द आर.के.राठौर प्राचार्य, आर.एल.सारथी व्याख्यता, डी.के.साहू, प्रधानपाठक सीताराम राठौर, नारायण सिंह कंवर, महाविद्यालय के अतिथि व्याख्यता डॉ.आशा आज़ाद, श्रद्धा सिंह, पुष्पा वस्त्रकार, चंचल साहू, सुमित्रा कर्ष, उमेश्वरी पटेल, धीरेन्द्री राठिया, रविकांत, सूरज कुमार पटेल, वीरेंद्र श्रीवास, मोहम्मद नदीम, अरविंद कश्यप, कुंदन कर्ष, देवेंद्र गिरी गोस्वामी, वीरेंद्र कुमार बिंझवार, कालेश्वर सिंह कंवर, भुनेश्वर सिंह कंवर, लाइब्रेरी ऑफिसर दीपक टेकाम, कार्यक्रम अधिकारी अजय कुमार पटेल, मधु कंवर, सनत देवांगन सहित स्वयंसेवक दलनायक निखिल, शैलेश्वरी, स्कूल के स्टूडेंट्स ने महत्वपूर्ण सहभागिता की।