कोर्ट के आदेश के बाद भी जमीन पर नहीं मिला कब्जा, सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर थक चुके बुजुर्ग ने डिप्टी कलेक्टर के पैरों पर गिरकर लगाई गुहार…पर अधिकारी ने नहीं दिखाई गंभीरता
कोरबा ll कोरबा जिले के दादरख़ुर्द में जनसुनवाई के दौरान एक 63 वर्षीय आदिवासी बुजुर्ग ने डिप्टी कलेक्टर के पैरों में गिरकर अपनी जमीन दबंगों से वापस दिलाने की गुहार लगाई। इस दृश्य को जिसने भी देखा वो बुजुर्ग धरमलाल की परेशानी देख भावुक हो उठा। बुजुर्ग ने डिप्टी कलेक्टर के पैरों में गिरकर और हाथ जोड़कर दबंगों से जमीन वापस दिलाने की मिन्नतें की, लेकिन धरमलाल की करुण गुहार सुनकर भी सिस्टम ने उनकी कोई मदद नहीं की। लिहाजा अब बुजुर्ग कलेक्ट्रेट कार्यालय पर धरने पर बैठे रहने पर विचार कर रहा हैl
मामला ग्राम दादरख़ुर्द का है। जहां डिप्टी कलेक्टर जनसुनवाई में मौजूद थे। मंगलवार को 63 वर्षीय आदिवासी बुजुर्ग धरमलाल कंवर जनसुनवाई में पहुंचे, उनकी पत्नी, बहू और पोतों के साथ आये थे। बुजुर्ग ने डिप्टी कलेक्टर के पैर पकड़कर अपनी जमीन से दंबगों का कब्जा हटवाने की गुहार लगाई। धरमलाल ने कहा कि आप ही हमारे मालिक हैं जमीन वापस दिलवा दो।
जनसुनवाई के दौरान बुजुर्ग ने आगे कहा कि ‘मैं परेशान हो गया हूं, मेरी जमीन दिला दो। वहीं, धरमलाल की गुहार पर डिप्टी कलेक्टर ने उनसे कहा, ‘ये किसने बोला, ऐसा करने के लिए खड़े हो, इस तरीके से नहीं किया जा सकता। बुजुर्ग ने कहा कि आप कोरबा जिले के भगवान हो। मैं कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाते लगाते थक गया हूं। फैसला मेरे पक्ष में आने के बाद भी कब्जा खाली नहीं कराया जा सका है। अब आप ही सहारा है। हालांकि बुजुर्ग की गुहार कोई काम नहीं आई डिप्टी कलेक्टर ने उसकी समस्या को नजरअंदाज कर दिया।
ये है पूरा मामला
ग्राम दादरख़ुर्द निवासी धरमलाल पिता झाडू राम कंवर की जमीन कृषि भूमि है। उनकी इस जमीन की कीमत करोड़ों में हैं। उनकी नौ एकड़ जमीन पर -राधिका बाई राठिया वह कुछ दलालों ने फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से कब्जा कर लिया गया था। धरमलाल ने जिला प्रशासन के सामने कई बार जमीन वापस दिलाने की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सुनवाई न होने पर धरमलाल ने सिविल न्यायालय कोरबा में वाद दायर किया और सिविल न्यायालय ने चारों रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया। लेकिन उसके बाद भी धरमलाल अपनी जमीन पर कब्जा वापस नहीं पा सके। दबंगों ने उनकी सामने की भूमि के अलावा दुसरी जमीन पर भी कब्जा कर लिया। धरमलाल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वहीं, उनकी उम्र भी काफी हो चुकी है। वे प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहे हैं लेकिन प्रशासन कान बंद किए बैठा है। ऐसे में बुजुर्ग धरम लाल अब कलेक्ट्रेट कार्यालय पर धरने पर बैठने का विचार बना रहा है।