बालसभा में बच्चों ने नशे से घरों में होने वाली लड़ाई को लेकर जताई चिंता, किसी के यहां कमाऊ सदस्य का अभाव, तो किसी ने गांव की कमी को सामने लाया
अंबिकापुर। यूनीसेफ, छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला एवं सरगुजा साइंस ग्रुप एज्युकेशन सोसायटी अंबिकापुर के संयुक्त तत्वाधान में सरगुजा जिले में बाल अधिकारों को लेकर, शहरों एवं पंचायत स्तर पर स्कूलों में बालसभा का आयोजन कर बच्चों के साथ बातचीत की जा रही है। इसी क्रम में बच्चों के साथ पारिवारिक वातावरण, परिवार में होने वाली समस्याओं, मुहल्ले, ग्राम पंचायत स्तर की समस्या, जो बच्चों को नजर आती हो, इसका समाधान कैसे हो सकता है, इस पर लगातार चर्चा की जा रही है। इस दौरान बच्चों के माध्यम से कई बातें निकल कर सामने आ रही हैं। दरअसल यूनीसेफ एवं छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला, छत्तीसगढ़ की सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर बच्चों की बुनियादी जरूरतों, उनकी प्रमुख मांगों को चिन्हांकित कर एक मेमोरेंडम तैयार कर रही है, जिसे आगामी चुनाव 2023 के पूर्व छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने वाली प्रत्येक राजनैतिक दल को उपलब्ध कराया जाएगा और आगामी समय में राजनैतिक पार्टियों द्वारा बनाए जाने वाले घोषणा पत्रों में बच्चों के मुद्दे भी प्राथमिकता से उठाए जाए, शामिल किया जाए, इसे लेकर छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में कार्य किया जा रहा है।
इसी तारतम्य में अंबिकापुर के बिशुनपुर में संचालित कन्या शिक्षा परिसर स्कूल, प्राथमिक शाला गोधनपुर, अनिता ड्रीम इंडिया पब्लिक स्कूल कतकालो, मास्टर माइंड जूनियर स्कूल, छग विद्या निकेतन राता, शिक्षा भारती विद्या भवन बकनाकला सहित कई स्कूलों में बच्चों के बालसभा का आयोजन कर उनसे विभिन्न एक्टिविटी के माध्यम से जानकारी एकत्र किया जा रहा है। बच्चों को पेंटिंग, कविता, कहानी, गीत, खेलकूद एवं अन्य गतिविधियों में शामिल कर ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा है, जिससे बच्चे, परिवार, समाज, गांव एवं स्कूल की समस्याओं को लेकर खुलकर वे बोल सकें। बच्चों को गुड टच-बैड टच, बाल अधिकारों, पंचायतों-स्कूलों व परिवार में उनकी सहभागिता को लेकर बातचीत के साथ-साथ प्रेरक फिल्मों के माध्मय से चर्चा लायक माहौल तैयार कर, इनके द्वारा बताई गई बातों को कलमबद्ध किया जा रहा है। सरकार के माध्यम से स्कूलों में डे्रस एवं पुस्तकों के साथ-साथ कॉपी-पेन की मांग लगभग सभी विद्यालयों में बच्चों द्वारा की गई। हाईस्कूल की छात्राओं ने सैनेटरी पैड की उपलब्धता स्कूलों में सुनिश्चित करने की मांग रखी। कई स्कूलों में बच्चों ने सड़क ठीक कराने, स्कूल आने में होने वाले परेशानी को लेकर पुलिया बनाने, स्कूल में पंखा एवं बिजली की व्यवस्था करने, कंंप्यूटर एवं शौचालय की अच्छी व्यवस्था करने की मांग की। परिवार एवं मोहल्ले के विषय में बात करने पर कई बच्चों ने शराब पीने में कैसे रोक लगे, इस पर चर्चा की। यह भी सामने आया कि घर में कुछ बोलने पर डांट-मार जैसी परिस्थिति नशा के कारण बनती है। गांव में स्ट्रीट लाइट लगाने की मांग भी बच्चों ने रखी। कई ऐसे विषय पर बच्चे खुलकर सामने आए, जिसे लेकर वे चिंतित थे। घर में पिता की बीमारी, दुर्घटना के कारण कमाने वाले सदस्य का नहीं होना, घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने, स्वजन की बीमारी के ईलाज को लेकर भी बच्चों ने बात की। बच्चों से मिले विषयों को कलमबद्ध कर यूनीसेफ एवं छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला को उपलब्ध कराया जाएगा और इस पर आगे कार्य किया जाएगा। बता दें कि सरगुजा साइंस ग्रुप एज्युकेशन सोसायटी के माध्यम से लगातार बाल सभाओं का आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। संस्था की कॉआर्डिनेटर शिल्पी गुप्ता ने कहा 20 जुलाई तक लगातार अलग-अलग स्कूल में बालसभा का आयोजन उनके द्वारा किया जाएगा। इस दौरान बच्चों के साथ बातचीत का माहौल बने एवं बच्चे खुलकर बात कर सकें, इसके लिए उनकी रूचि के अनुरूप कई गतिविधियां कराई जा रही हैं। बच्चों को कॉपी, पेन, पेंसिल, कलर सेट देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थापक अंचल ओझा, अजय सिंह, हामिद रजा, शिल्पी गुप्ता, आंचल कुशवाहा, संतलाल सहित अन्य कार्यकर्ताओं की विशेष भूमिका है।