न्यायालय में ट्रायल के दौरान होस्टाइल होने वालों के विरुद्ध धारा 344 के अंतर्गत करें कार्रवाई
न्यायालय से दोषमुक्ति के प्रकरणों की आईजी ने रेंज स्तरीय बैठक में की समीक्षा
अंबिकापुर। पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अंकित गर्ग द्वारा दोष मुक्ति प्रकरणों के संबंध में रेंज स्तरीय समीक्षा बैठक की गई। समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से ऐसे मामलों पर विशेष चर्चा हुई, जिसमें न्यायालय द्वारा आरोपियों को दोष मुक्त किया गया। इसके कारणों की विस्तृत समीक्षा हुई।
समीक्षा बैठक में आईजी अंकित गर्ग ने किसी भी मामले में प्रकरणों के विवेचकों द्वारा विवेचना में की जाने वाली त्रुटियों को दूर करने एवं भौतिक साक्ष्यों को सावधानी पूर्वक एकत्र करने के संबंध में अभियोजन अधिकारियों को सुझाव दिए। होस्टाइल हो रहे प्रार्थी एवं गवाहों को उनके द्वारा दिए गए अभिमत, कथन पर कायम रहने हेतु विवेचकों को प्रकरण के प्रार्थियों के साथ लगातार संपर्क में रहने निर्देशित किया, जिससे प्रकरण के प्रार्थी एवं गवाह न्यायालय में निर्भीक एवं स्वतंत्र रूप से अपना कथन दे सकंे। फलस्वरूप न्यायालय से विचारणोपरांत दोष सिद्ध हो सके एवं अपराधी को उसके किए गए अपराध की समुचित सजा मिल सके। महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित गंभीर प्रकरणों जैसे दुष्कर्म एवं पाक्सो एक्ट के मामलों में प्राथमिकी दर्ज करवाने वाले प्रार्थी जिनका न्यालयाय में 164 सीआरपीसी के अंर्तगत कथन लिया गया है, वो अगर न्यायालय में ट्रायल के दौरान होस्टाइल होते हैं तो उनके विरुद्ध धारा 344 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई हेतु लोक अभियोजन के माध्यम से न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में चर्चा की गई। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया गया है। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं के प्रकरणों में हो रहे दोषमुक्ति के कारणों की सामीक्षा कर विवेचना में आवश्यक सुधार हेतु कार्यशाला आयोजन करने का सुझाव दिया। सभी गंभीर मामलों में विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में पुलिस अधीक्षक सरगुजा सुनील शर्मा, पुलिस अधीक्षक सूरजपुर आईके एलिसेला, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर डॉ. लाल उमेद सिंह, पुलिस अधीक्षक कोरिया त्रिलोक बंसल, पुलिस अधीक्षक एमसीबी सिद्धार्थ तिवारी एवं संयुक्त संचालक अभियोजन सरगुजा संभाग मुकुला शर्मा सहित सभी जिला अभियोजन अधिकारी मौजूद रहे।