Vedanta को लेकर आई बड़ी खबर, कंपनी ने दी ये बेहद खास जानकारी
Vedanta Resources Ltd को लेकर बड़ी कंपनी खबर आई है. कंपनी ने कोंकोला कॉपर माइंस (KCM) के मालिकान और मैनेजमेंट को लेकर बड़ा फैसला किया है.
कोंकोला माइंस के मालिकान और मैनेजमेंट को लेकर लिया गया एतिहासिक फैसला, रिपब्लिक ऑफ जाम्बिया सरकार के कदम के चलते हुआ है. जाम्बिया सरकार कोंकोला कॉपर माइन का ओनरशिप और मैनेजमेंट वेदांता रिसोर्सेज को लौटाने के लिए तैयार है.
KCM को चलाने के लिए वेदांता की बहाली पर, जाम्बिया के खान और खनिज विकास मंत्री, पॉल काबुसवे ने कहा कि ये फैसला “वेदांता बहुसंख्यक शेयरधारकों के रूप में केसीएम के संचालन को चलाने और दोबारा से सक्रिय करने के लिए दिया गया है. KCM कंपनी की संपत्तियों की बात करें तो इनके पास करीब 1.60 करोड़ टन कॉपर यानि तांबे का भंडार है.
KCM में 79.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बहुमत शेयरधारक के रूप में वेदांत की बहाली भी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. देश में तांबे की मांग बढ़ रही है, जो कि एक विकास प्रक्रिया में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाला खनिज है.
तांबे से समृद्ध जाम्बिया में भारतीय मालिकान वाली कंपनी का होना, सुलभ सप्लाई के लिए एक बेहतर विकल्प है. केसीएम में गहरे भूमिगत खनन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक को भारत में बड़े पैमाने पर तांबे के खनन के लिए इस्तेमाल किया है.
वर्तमान में, भारत कॉपर कन्संट्रेट के आयात के लिए 90 फीसदी तौर पर निर्भर है और फिनिश्ड कॉपर की बात करें तो 40 फीसदी आयात पर निर्भर है.