कला केंद्र को शहीद पार्क का दर्जा देकर यहां शहीदों की मूर्तियां स्थापित की जाए-सिंह
शहीदे आजम भगत सिंह की 116वीं जयंती पर कई प्रगतिशील संगठनों ने की मांग, चलाया हस्ताक्षर अभियान
अंबिकापुर। शहीदे आजम भगत सिंह की 116वीं जयंती पर इप्टा अंबिकापुर, प्रलेस, शहीद भगत सिंह अकादमी और सार्थक संवाद मिशन के संयोजन में कई प्रगतिशील संगठनों ने शहर में शहीद पार्क एवं इनकी प्रतिमा स्थापना करने की मांग की गई। शहर में शहीदे आजम भगत सिंह व अन्य क्रांतिकारियों की ना कोई मूर्ति है, ना इनके नाम से कोई चौक, संग्रहालय है। इन क्रांतिकारियों की विरासत हमारे भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए जन संगठनों ने गुरूवार को घड़ी चौक में शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती मनाई और हस्ताक्षर अभियान चलाया। अभियान में शहर वासियों के हस्ताक्षर लेकर उन्हें जागरूक किया जाएगा ताकि शहर में भगत सिंह चौक हो व इनके मूर्ति की स्थापना हो सके। सभी जनतांत्रिक, सांकृतिक एवं सामाजिक संगठन विगत कई वर्षों से संघर्षरत हैं, ताकि शहर में शहीद क्रांतिकारियों की यादों को संजोया जा सके। इस सिलसिले में कई बार नगर निगम को ज्ञापन भी सौंपा गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सीटू के जितेंद्र सिंह सोढ़ी ने भगत सिंह के समाजवादी विचारों का जीवन में महत्व बताया। इप्टा अंबिकापुर के अध्यक्ष अंजनी पांडेय ने रंग दे बसंती चोला गीत की प्रस्तुति दी। डॉ. आशा शर्मा ने क्रांतिकारियों की जीवनियों और आज के नवयुवकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि संग्रहालय, चौक, शहीदों की विरासत का बयान करते हैं। इसकी कमी अंबिकापुर में है। इप्टा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रितपाल सिंह ने कला केंद्र को शहीद पार्क का दर्जा देने की बात कही और यहां शहीदों की मूर्तियां स्थापित कराने की मांग की। इस दौरान जानवरों की सेवा में लगी ‘टीम बेजुबान का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया। इंकलाब जिंदाबाद के नारों से घड़ी चौक गूंज उठा। कार्यक्रम का संचालन किरण सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में अनंत सिन्हा, चरनप्रीत सिंह, सीपी शुक्ला, पाल सिंह, अनिल द्विवेदी, केएन तिवारी, वेद प्रकाश अग्रवाल, संदीप सिन्हा, राजेश मिश्रा, हरिशंकर त्रिपाठी, अनामिका चक्रवर्ती, मल्तियार पीएस, किरण क़ुमार सिन्हा सहित अन्य उपस्थित थे।