परसाभाठा में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव शुरू
भागवत आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने कहा: भागवत में अपनी ही नियति से मिलने की प्रेरणा छिपी हुई है , जिस प्रकार किसी बीज के भीतर अंकुरण छिपा हुआ रहता है
कोरबा। बालकोनगर के कोरबा मुख्य मार्ग पर स्थित परसाभाठा नवधा पंडाल में नए साल के साथ भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का शुभारंभ किया गया। यज्ञ के प्रथम दिन कलश यात्रा में सैकड़ो महिलाओं ने अपने सिर में कलश धारण कर और पुरुषों ने हाथ में ध्वजा थाम कर सनातन धर्म के प्रति आस्था भाव के साथ जयकारा करते हुए यज्ञ स्थल पहुंचकर वेद मन्त्रों के साथ देवताओं का आह्वान और महापुराण का पूजन किया l
भागवत कथा के प्रथम दिन व्यास पीठ से छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भागवत आचार्य राजेंद्र जी महाराज द्वारा भागवत महात्म कथा का सरस वर्णन करते हुए बताया गया कि श्रीमद् भागवत साक्षात भगवान श्री कृष्ण जी का वांग्मय स्वरूप है। यह शाश्वत संहिता है , जो किसी मनुष्य को उसके भाग्योदय होने पर ही प्राप्त होता है केवल पुरुषार्थ के कारण नहीं इसी भागवत रूपी सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म का पुण्य लाभ से भक्ति देवी के दोनों पुत्रों ज्ञान और वैराग्य को किशोर अवस्था की प्राप्ति हुई। धुंधकारी जो अपने कुकर्मों के कारण भयानक प्रेत बना हुआ था जिसकी सद्गति के लिए गोकर्ण जी महाराज ने इसी भागवत कथा को श्रवण कराया और धुंधकारी को परमधाम अर्थात मोक्ष मिला था।7 दिन की भागवत कथा को श्रवण कर श्राप ग्रस्त राजा परीक्षित को भी ब्रह्म संयोज्य अर्थात परमधाम की प्राप्ति हुई। आचार्य ने बताया की श्रीमद् भागवत देव दुर्लभ भी है इसका अधिकारी वही होता है जिस पर भगवान बांके बिहारी और राधे रानी की अति कृपा होती है। धन्य है हमारे भारत भूमि को जहां संसार का सर्वप्रथम भागवत कथा यज्ञ शुकदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित को श्रवण कराया था। भागवत युवाओं की कथा है यह केवल किसी एक संप्रदाय अथवा जाति वर्ग के लिए नहीं है। भागवत में अपनी ही नियति से मिलने की प्रेरणा छिपी हुई है , जिस प्रकार किसी बीज के भीतर अंकुरण छिपा हुआ रहता है। इसका श्रवण मनन और चिंतन कर आत्मसात करना संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए है।
प्रथम दिन से ही श्रोताओं को ही श्रोताओं को मधुर संगीत और जीवंत झांकियां का दर्शन लाभ प्राप्त हो रहा है। भागवत कथा महोत्सव के आयोजन महानदी युवा संगठन द्वारा किया जा रहा है। संगठन के अध्यक्ष ओंकार सिंह ने कोरबा जिले के जनमानस से अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण करने हेतु आने की अपील की है।