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बिना हकीकत जाने भाजपा की राष्ट्रीय नेता ने स्वास्थ्य सेवाओं को निर्लज्जता की हदें पार करने वाला बता डाला

भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के वक्तव्य से स्वास्थ्य अमला आया सकते में, मामला तीन दिन पहले निजी अस्पताल के सामने खुले में बच्चे को जन्म दी महिला से जुड़ा, इसे जोड़ दिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल से

अंबिकापुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. सरोज पांडेय ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाहर सुबह प्रसव होने की अनर्गल बातों को लेकर बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर तीखा प्रहार कर डाला। सत्यता के तह तक जाने पर सामने आया कि उपमुख्यमंत्री सिंहदेव के इलाके में स्वास्थ्य महकमा को संवेदनहीन बताने वाली राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का यह जुमला सुर्खियां बटोरने वाला तो हो सकता है, लेकिन वास्तविकता से कोषों दूर है। सत्यता जाने बिना ही भाजपा की राष्ट्रीय नेता ने कुछ ऐसा जुबान चलाया कि राजधानी से उड़ते आई इस खबर को शहर के भाजपा मीडिया सेल ने भी शेयर कर दिया। पूछ-परख शुरू हुई तो रायपुर डेटलाइन की इस खबर को डिलीट किया गया।

दरअसल भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. सरोज पांडेय ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के विधानसभा क्षेत्र और जिला मुख्यालय अंबिकापुर में एक महिला द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाहर सुबह बच्चे को जन्म देने की खबर को प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की शर्मनाक तस्वीर बताया। उन्होंने टिप्पणी की थी जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के इलाके में स्वास्थ्य महकमा संवेदनहीनता की पराकाष्ठा कर रहा है तो प्रदेश के दीगर इलाकों की बदहाली का अनुमान सहज लगाया जा सकता है। उन्होंने पूरे प्रकरण की संजीदगी से जांच की बात भी कह डाली। यही नहीं बुधवार देर रात रघुनाथपुर (बलरामपुर) निवासी गर्भवती पवित्रा (20) को अस्पताल में भर्ती कराने का हवाला भी न जाने किन सूत्रों से दे डाला और सवाल उठाया कि गुरुवार की सुबह मेडिकल कॉलेज के बाहर महिला किन अव्यवस्थाओं के चलते बच्चे को जन्म देने के लिए विवश हुई? यह भी बताया गया था कि गुरुवार की सुबह करीब सात बजे अस्पताल का शौचालय गंदा होने के कारण महिला टॉयलेट के लिए बाहर चली गई। इस दौरान उसे प्रसव पीड़ा हुई, थोड़ी देर बाद महिला ने वहीं एक बच्चे को जन्म दिया। गर्भवती महिला के पति का यह आरोप बेहद गंभीर है कि अस्पताल के स्टाफ ने हमारी कोई मदद नहीं की। उन्होंने महिला के पति के आरोपों पर मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के उस कथन को गैर जिम्मेदाराना बताया था कि अस्तपाल के बाहर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। फिलहाल, बच्चे की हालत गंभीर है। उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. पांडेय ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल में स्वास्थ्य सेवाओं को बदतर बताते हुए इसे प्रदेश सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के दावों पर करारा तमाचा करार दिया। यह भी कहा कि कांग्रेस ने दीगर वादों की तरह स्वास्थ्य संबंधी वादों से भी मुंह मोड़कर निर्लज्जता की हदें पार कर दीं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की खास मौजूदगी में प्रदेश सरकार ने जिस सर्वजन स्वास्थ्य योजना को लागू किया, वह प्रदेश में कहीं भी नजर नहीं आ रही है। इसके साथ ही और भी काफी भड़ास निकाली गई थी।

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”भाजपा और इनके सबसे बड़े और छोटे नेता लगातार झूठे दुष्प्रचार करने मनगढंत कहानियां गढ़ते रहते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय स्तर की महिला नेता से यह उम्मीद नहीं थी कि वे तथ्यों की जानकारी के बिना झूठे आरोप लगाएं। जिस महिला का नाम लेकर वो आरोप लगा रहीं हैं उस नाम की कोई महिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती ही नहीं हुई है। कुछ दिनों पूर्व एक मानसिक अस्वस्थ महिला ने सड़क किनारे एक निजी अस्पताल के सामने बच्चे को जन्म दिया था। इसकी जानकारी मिलते ही महिला व बच्चे को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। जच्चा-बच्चा पूर्णत: स्वस्थ हंै। दुर्भाग्यवश मानसिक रूप से अस्वस्थता के कारण वह महिला प्रसव के लिए स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने में सक्षम नहीं थी। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण भाजपा की राष्ट्रीय स्तर की महिला नेता द्वारा किया गया दुष्प्रचार व झूठ पर आधारित राजनीति है। तीन दिन पूर्व की घटना के बाद भाजपा का कोई भी स्थानीय नेता उक्त महिला का हाल-चाल लेने नहीं गया। भाजपाइयों ने घटना के तथ्यों को जानने की कोशिश नहीं की और झूठ, दुष्प्रचार की राजनीति में लग गए।ÓÓ

*अनूप मेहता, प्रवक्ता जिला कांग्रेस कमेटी*

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”विगत दो दिनों से मैं मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला और उसके नवजात शिशु का हाल ले रही हूं। उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को भी उन्होंने हालात से अवगत कराया है। यह महिला मानसिक रोगी होने के कारण अपने प्रसव और स्वास्थ्य के हालात से ही अवगत नहीं है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्टाफ इस महिला और उसके शिशु की भरपूर देखभाल कर रहे हंै। एक महिला होने के नाते सरोज पांडेय से उम्मीद थी कि वे या उनकी पार्टी के लोग मेडिकल कॉलेज अस्पताल आकर इस महिला और उसके बच्चे की सुध लेते। बजाय इसके वे घटिया राजनीति कर रही हैं। मणिपुर की महिलाओं पर मौन साधे रहने वाली इन भाजपा नेत्री से आग्रह है कि मणिपुर के मौन का पश्चताप करने के लिए इस महिला और उसके बच्चे की जवाबदेही लें। एक महिला होने के नाते मैं प्रदेश के संवेदनशील उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव से आग्रह करती हूं कि जब तक यह महिला शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम न हो जाए, तब तक इस महिला और उसके शिशु के देखभाल की समुचित व्यवस्था कराएं।”

*सीमा सोनी, अध्यक्ष महिला कांग्रेस*

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