सीबीसी जांच के लिए रीजेंट किट नहीं, मैन्युअल जांच को लेकर रहती है संदेह की स्थिति
हमर लैब संचालन के बाद जांच सुविधा में सुधार की उम्मीद पर पानी फिर रहा
अंबिकापुर। राजमाता श्रीमति देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध जिला अस्पताल के हमर लैब में जांच के लिए रीजेंट किट की कमी बनी हुई है। रीजेंट किट नहीं होने से लगभग 10 दिनों से ऑटो सीबीसी जांच में बाधा की स्थिति बन रही है। सीबीसी जांच से कई बीमारियों का पता लगाया जाता है। ऐसे में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मैन्युअल जांच करने का दावा किया जा रहा है। मैन्युअल जांच में समय लगने के कारण मरीजों को समय पर रिपोर्ट भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में इनका इलाज व ऑपरेशन समय पर नहीं हो पा रहा है। सीबीसी जांच के बिना मरीजों का कई गंभीर इलाज व ऑपरेशन में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन सीजीएमएससी को पत्र लिखने की दलील दे रहा है। बता दें कि मौसम में बदलाव आने के कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है। हर दिन ओपीडी में मरीजों का आंकड़ा एक हजार को छू रहा है। यहां आने वाले मरीजों में लगभग 60 प्रतिशत मरीजों को सीबीसी जांच कराने की सलाह दी जाती है। भर्ती मरीजों का भी सीबीसी जांच होता है। ऐसे में देखा जाए तो अस्पताल के हमर लैब में रोजाना सैकड़ों की तादाद में सीबीसी जांच होती है। रीजेंट किट के अभाव में मैनुअली जांच होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
कई मरीज निजी जांच सेंटर का काट रहे चक्कर
रीजेंट कीट की अनुपलब्धता के कारण सीबीसी की ऑटो जांच बंद है, इसका लाभ निजी जांच सेंटर को मिल रहा है। चिकित्सक के निर्देश का पालन करने त्वरित जांच रिपोर्ट की लालसा में मरीजों को लेकर स्वजन निजी लैब में जांच कराने मजबूर हैं। दबे जुबां डॉक्टरों का कहना है कि मैनुअली सीबीसी जांच में बीमारी के प्रतिशत का कम-ज्यादा पता चलता है। लैब टेक्नीशियन अंदाज पर रिपोर्ट तैयार करते हैं। ऑटो जांच में दुविधाजनक स्थिति नहीं रहती है।
अस्पताल अधीक्षक का कहना
कुछ दिनों से रीजेंट किट के नहीं रहने से सीबीसी जांच प्रभावित हुई है। मरीजों की मैन्युअल जांच की जा रही है। इसके लिए सीजीएमएससी को पत्र लिखा गया है। अब तक कोई जवाब नहीं आया है।
डॉ. आरसी आर्या