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खपरैल वाले स्कूल में पढ़ाई की, मंत्री बने तो बनवा दिया दो मंजिला भव्य भवन

जयसिंह अग्रवाल का अपने स्कूल के प्रति लगाव,शासकीय उ.मा. विद्यालय, कोरबा से शुरू की थी छात्र राजनीति

कोरबा। खपरैल की छत और बैठने के लिए टाटपट्टी, 80 के दशक में भी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोरबा के छात्र इसी तरह संसाधनों के अभाव में शिक्षा ग्रहण करते थे। इन छात्रों में एक ऐसा बालक था, जो चाहता कि टाटपट्टी के स्थान पर बैठने के लिए बेंच- डेस्क होना चाहिए। इसी चाहत ने उसे छात्र संघ का अध्यक्ष बना दिया। फिर क्या था इस बालक ने न केवल बेंच- डेस्क का जुगाड़ करा दिया बल्कि सांसद के माध्यम से स्कूल के लिए तीन कमरे भी बनवा दिए।

उस बालक में अपने स्कूल के प्रति ऐसा लगाव रहा कि करीब 43 साल बाद मंत्री बनने का अवसर मिला तो विद्यालय का कायाकल्प ही कर दिया। यहां बात हो रही छत्तीसगढ़ के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल की। थोड़ा फ्लैश बैक में जाते हैं। बात 1977 की है, जयसिंह अग्रवाल ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोरबा में 8वीं कक्षा में प्रवेश लिया। उस समय छोटा सा भवन था, गिनती के खपरैल की छत वाले कमरे थे और छात्रों को बैठने के लिए बड़ी मुश्किल से टाटपट्टी नसीब होती थी। बालक जयसिंह में प्रारंभ से ही नेतृत्व के गुण थे। 1980 में जब जयसिंह कक्षा 11वीं में पहुंचे तो, उस साल महाविद्यालयों के साथ ही विद्यालयों में भी छात्र संघ के चुनाव हुए। जयसिंह ने चुनाव लड़ा और छात्र संघ के अध्यक्ष बन गए। अध्यक्ष बनते ही जयसिंह बेंच- डेस्क की व्यवस्था में जुट गए और इसका प्रबंध भी कर लिया। इतना ही नहीं सांसद भारद्वाज से मिलकर मिडिल स्कूल के लिए तीन कमरे भी बनवा दिए। जयसिंह अग्रवाल में इस स्कूल से इतना लगाव था कि जब वे सक्रिय राजनीति में आए और 1996 में साडा अध्यक्ष बने तब भी उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोरबा में कई काम कराए। 2008 में कोरबा विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। जयसिंह अग्रवाल पहले विधायक चुने गए। उन्होंने विधायक मद से काम कराने के लिए अपने स्कूल की सुध ली। 2015 में जब पत्नी रेणु महापौर बनीं तब इस स्कूल में कमरे और हॉल का निर्माण करवाया। 2018 के चुनाव में जयसिंह अग्रवाल तीसरे बार विधायक चुने गए और पार्टी के सत्ता में आने पर वे राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बने तब उन्होंने स्कूल के लिए कुछ बड़ा काम करने की सोची। यह सोच दो मंजिला स्कूल भवन निर्माण करने के रूप में सामने आई। श्री अग्रवाल ने अपनी इस सोच को हकीकत में तब्दील करने की ठानी और लगभग सात करोड़ रुपए की लागत से भव्य स्कूल भवन का निर्माण प्रारंभ कराया। नया स्कूल भवन तैयार हो चुका है और जल्द ही इसका लोकार्पण भी हो जाएगा।

भव्य भवन बनवा कर संतुष्टि मिली – जयसिंह

इस संदर्भ में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि जिस स्कूल से मैंने पढ़ाई की और छात्र संघ के जरिए राजनीति का सफर शुरू किया, उस स्कूल के लिए एक भव्य भवन बनवा कर मुझे बेहद संतुष्टि मिली है। कोरबा का हर क्षेत्र में विकास हो, इसका प्रयास किया गया है। हमारी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया है।

प्राथमिक शिक्षा विस्तार के लिए 700 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का संचालन इसका एक बड़ा उदाहरण है। प्रदेश भर के 8512 शासकीय स्कलों का जीर्णोद्धार किया गया, 30 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई है।

प्रदेश में 23 कृर्षि महाविद्यालय खोले जा चुके हैं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि शिक्षा, बिजली, स्वास्थ, पेयजल, सड़क आदि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना हमारी सरकार की सोच व उद्देश्य है। कोरबा इन मूलभूत सुविधाओं को धरातल मे लाने मेरा प्रयास हमेशा जारी रहा है और आगे भी रहेगा।

श्री अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए शिक्षकों की सबसे बड़ी आवश्यकता है प्रदेश में विगत 15 वर्षों में केवल शिक्षाकर्मियों की ही नियुक्ति की गई थी। लेकिन हमारी सरकार ने बड़े पैमाने पर योग्य एवं पूर्ण आर्हता प्राप्त शिक्षकों की नियुक्तियॉ की है। सरकार गठन होते ही वर्ष 2019 में 10834 शिक्षकों की नियुक्ति, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों के लिए 6730 शिक्षकों की नियुक्ति तथा वर्ष 2023 में 12489 शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। वर्ष 2023 में 232 व्याख्याताओं, 3500 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है। शेष बचे नियुक्ति के लिए कांऊसिलिंग की कार्यवाही जारी है। शीघ्र ही नियुक्ति पत्र जारी किये जायेंगे।

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