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पोषण माह एवं मिलेट क्रॉप वर्ष 2023 अंतर्गत मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर द्वारा शासकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित हुआ व्याख्यानमाला

मिलेट प्रोडक्ट से बनाये गए व्यंजन, छात्राओं को मिलेट के उपयोग से मिलने वाली पोषण की जानकारी दी

अम्बिकापुर/शासकीय राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर में पोषण माह एवं अंतरराष्ट्रीय मिलेट क्रॉप वर्ष 2023 के अंतर्गत मिलेट्स एवं इसके पोषक महत्व पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से आमंत्रित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर की पोषण विशेषज्ञ श्रीमती सुमन सिंह उपस्थित रहीं। उन्होंने मिलेट्स के प्रकार उनकी पौष्टिकता एवं मिलेट्स से बनाये जाने वाले व्यंजन के बारे में चर्चा की। मिलेट्स मिशन छत्तीसगढ़ एवं मिलेट्स के पोषणीय एवं उपचारात्मक महत्व पर कन्या महाविद्यालय की विभागाध्यक्ष आहार एवं पोषण विभाग प्रोफेसर डॉ अलका जैन के द्वारा भी व्याख्यान दिया गया। उन्होंने बताया कि भारत देश मिलेट्स उत्पादन में विश्व मंे सबसे अव्वल है। मिलेट्स का प्रतिदिन सेवन इम्युनिटी पावर को बढ़ाता है इसे गर्भवती महिलाओं, किशोरी बालिकाओं एवं शिशुओं के आहार में शामिल करके कुपोषण को दूर किया जा सकता है। मिलेट्स ऊर्जा से भरपूर होते है जिनमे रेशा अधिक होता है जो पेट साफ रखने में मदद करता है। इन्हें दालों एवं दूध के साथ उपयोग करने से प्रोटीन की गुणवत्ता बढ़ जाती है। ये कैल्शियम, मैग्नेशियम, आयरन, जिंक, विटामिन बी समूह एवं विटामिन ए के अच्छे साधन है। बाजरे में 5 प्रतिशत वसा होती है इसलिए गरिष्ठ होता है। रागी कैल्शियम आयरन का अच्छा साधन है। ज्वार के आटे में मेथी पाउडर डालकर खाने से उसकी गुणवत्ता बढ़ जाती है।

मिलेट्स की विशेषताओं और उपचारात्मक महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई। मिलेट्स मोटापा कम करने, रक्त ग्लूकोज़ नियंत्रित करने, सूजन दूर करने, एलर्जी रोकने, कैंसर और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। विभागाध्यक्ष मानव विकास प्रोफेसर डॉ एजेंन टोप्पो द्वारा मिलेट्स कृषि पर व्याख्यान दिया। और छोटे पैमाने पर खेती करते रहने की सलाह दी।

छात्राओं के साथ मिलकर कई प्रकार के मिलेट्स व्यंजन तैयार किये गए। छात्राओं ने डॉ. अलका जैन, डॉ.एजेंन टोप्पो, लैब टीचर श्रीमती प्रीति जायसवाल, श्रीमती मरियम तिर्की के मार्गदर्शन में मिलेट्स के व्यंजन बनाये। कुटकी, रागी की इडली, चीला, उत्तपम, मिलेट्स की रोटियां ठेकुआ, चीला रोटी, ज्वार का उपमा, सलोनी, मठरी, रागी का हलवा, मक्के का पकोड़ा, गोंदली का हलवा आदि अनेक व्यंजन बनाये। आहार विशेषज्ञ श्रीमती सुमन सिंह एवं चिकित्सा महाविद्यालय व कन्या महाविद्यालय के स्टाफ ने छात्राओं के द्वारा तैयार किये गये व्यंजनों की प्रशंसा की। समस्त कार्यक्रम गृह विज्ञान विभाग द्वारा प्राचार्य डॉ. ज्योति सिन्हा की अध्यक्षता में किया गया। उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम को सभी के लिए बहुत उपयोगी बताया। मंच संचालन का कार्य सुनैना भगत एम.एस.सी.गृह विज्ञान आहार एवं पोषण की छात्राओं द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्रीमती लता जायसवाल, प्रीति जायसवाल, मरियम तिर्की, सुमन ठाकुर, राधा मिंज एवं गृहविज्ञान संकाय की सभी छात्राएं उपस्थित रहीं।

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