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स्तनपान सप्ताह पर घुटरापारा आंगनबाड़ी में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

यूनिसेफ छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ एलायंस फ़ॉर बिहेवियर क्लब, चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी एवं सरगुजा साइंस ग्रुप का संयुक्त आयोजन

अम्बिकापुर/विश्व स्तनपान सप्ताह अंतर्गत यूनिसेफ छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ अलाइंस फ़ॉर बिहेवियर क्लब, चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी, सरगुजा साइंस ग्रुप एवं आंगनबाड़ी केंद्र घुटरापारा के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन कर माताओं, गर्भवती महिलाओं एवं लड़कियों को जागरूक किया गया तथा स्तनपान से होने वाले लाभ की जानकारी दी गई। इस अवसर पर चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के निदेशक मंगल पांडेय ने महिलाओं से बात करते हुए कहा कि बच्चे के जन्म के बाद पहले एक घण्टे के अंदर मां का पहला दूध पिलाना आवश्यक है। मां का पहला दूध कोलोस्ट्रम, पोषक तत्वों से भरपूर है, जो नवजात शिशुओं के लिए अति आवश्यक है। स्तनपान के दौरान मां एवं शिशु दोनों आक्सीटोसिन हार्मोन का निर्माण करते हैं, जो तनाव एवं चिंता को दूर करता है। मां और बच्चे के बीच गहरा सम्बन्ध स्थापित करने में भी स्तनपान का महत्वपूर्ण योगदान है। कहा जाता है कि मां का दूध एन्टीबॉडीज होती हैं, जो शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करती है। कम से कम 0 से लेकर 2 वर्ष की आयु तक बच्चों को मां अपना दूध अवश्य पिलायें। एक स्वस्थ्य बच्चे के विकास एवं निर्माण में मां का अमूल्य योगदान है। देश के भविष्य आप सभी के घर में, आपके गोद में हैं, उन्हें सुनहरा भविष्य देना आपके हाथ में है। यह कोई बाहर की संस्था, एनजीओ या सरकार की बातचीत का विषय नहीं है। यह हम सबके घर-परिवार एवं पीढ़ी निर्माण की बात है, इसे हमें ही बनाना एवं सुधारना पड़ेगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यूनिसेफ की सरगुजा कोऑर्डिनेटर ममता चौहान ने कहा कि मां का गाढ़ा पीला दूध बच्चे के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए सर्वोत्तम आहार है। जिस बच्चे को मां का दूध 6 माह तक पूरा मिलता है साथ ही 6 माह पश्चात भी ऊपरी आहार के साथ स्तनपान 2 साल तक जारी रखा जाता है, वे बच्चे स्वस्थ रहते हैं और आगे पढ़ाई, लिखाई एवं अपने सपने पूरा करने में सक्षम होते हैं। स्वस्थ और समर्थ किशोर तभी बनेंगे जब उनके बचपन को हम सुरक्षित करेंगे, भविष्य में समाज को नई दिशा देने वाले इन नौनिहालों को हमें सुरक्षित वातावरण एवं पोषण युक्त भोजन के साथ-साथ जरूरत के अनुसार स्तनपान कराना है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिला बाल विकास विभाग, अम्बिकापुर के सीडीपीओ गौरव सिंह गहरवार ने कहा कि स्तनपान सप्ताह के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। यह हमारे घर के आर्थिक, मानसिक, शारीरिक हर क्षेत्र को छूता है। आप ऐसे समझिये यदि किसी बच्चे को सही तरीके से पोषण नहीं मिला, मां का दूध कम से कम शुरुआती 6 महीने आवश्यकतानुसार नहीं मिला, तब बच्चा कई शारीरिक परेशानियों से जूझेगा। पोषण युक्त भोजन की व्यवस्था सहित कई उपाय करना पड़ेगा ताकि बच्चे को पोषण युक्त भोजन आवश्यकतानुसार मिल सके। हमें अपने बच्चों को अच्छा पोषण एवं लालन-पालन हेतु जन्म से ध्यान देने की आवश्यकता है, जब से वह गर्भ में पलता है तब से, इसलिए 0 से 2 साल तक स्तनपान बेहद जरूरी है। कार्यक्रम को पर्यवेक्षक राजलक्ष्मी पांडेय ने भी संबोधित किया, उन्होंने मां और बच्चे के बीच स्तनपान से शुरू होने वाले संबंधों को लेकर बात की, उन्होंने कहा कि एक ऐसा संबंध बनता है, जिससे बच्चा मां के गोद में आते ही सुरक्षित महसूस करने लगता है, एक ऐसा भाव व संबन्ध बनता है जो जीवन भर रहता है। कार्यक्रम का संचालन सरगुजा साइंस ग्रुप के अंचल ओझा ने किया। अंचल ओझा ने माहवारी से लेकर मातृत्व के निर्माण एवं मां एवं बच्चे के संबंधों को लेकर कई उदाहरणों द्वारा जानकारी दी। कार्यक्रम में घुटरापारा आंगनबाड़ी केंद्र में काफी संख्या में गर्भवती मातायें, मां एवं काफी संख्या में युवतियां उपस्थित हुई। कार्यक्रम में सरगुजा साइंस ग्रुप की शिल्पी गुप्ता, संतलाल, पर्यवेक्षक मधुमती सिंह, कार्यकर्ता ममता जायसवाल, राजेश्वरी सहित काफी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे उपस्थित रहे।

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